भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर पर्यावरण प्रेमी ग्रेटा थनबर्ग(Greta Thunberg) ने एक ट्वीट किया था, जिसके बाद से वो ट्रोलर्स के निशाने पर बनी हुई है। किसानों के समर्थन में उतरी ग्रेटा ने अपने किए हुए ट्वीट में कहा था कि इस आंदोलन को सोशल मीडिया पर एक प्रोपगेंडा की तरह इस्तेमाल किए जाने के तरीके सिलसिलेवार बताए गए थे, लेकिन जैसे ही ग्रेटा को लगा कि यहां पर उनकी गलती है तो उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया था। अब दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इस मामले की जांच कर रही है, जिसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है।
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निकला खलिस्तानी कनेक्शन
टीम द्वारा की जारी जांच में इस बात पर दावा किया जा रहा है कि जनवरी और फरवरी के महीने में दिल्ली के अंदर अराजकता फैलाने की पूरी तैयारी थी। स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने कहा, “शुरुआती जांच में पता चला है कि यह टूलकिट एक प्रो-खालिस्तानी संस्था ने बनाई है।ऐसा प्रतीत होता है कि इस टूलकिट का मकसद विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच नफरत फैलाना और भारत सरकार के खिलाफ माहौल बनाना था।” दिल्ली पुलिस ने मामले में राजद्रोह, आपराधिक साजिश रचने, समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देने जैसी धाराओं को एफआईआर दर्ज करते समय शामिल किया है। पुलिस ने बताया कि जांच के बाद ही इस बात से पर्दा हटेगा कि आरोपी कौन हैं। पुलिस ने अपने शक गहराने के कारण को लेकर कहा क्योंकि दस्तावेज के महत्वपूर्ण हिस्सों को मिटा दिया गया या फिर एडिट कर दिया गया। पुलिस के अनुसार अब एफआईआर के आधार पर गूगल को एक नोटिस भेज कर ओरीजनल कॉपी की मांग की जाएगी ।
देश की छवि को करना था खराब
प्राप्त एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए इस टूलकिट को एक स्व-घोषित खालिस्तान समर्थक एमओ धालीवाल द्वारा सह-स्थापित ‘पीस फॉर जस्टिस’ द्वारा तैयार किया गया था। कनाडा के वैंकूवर में यह संगठन स्थित है। प्राप्त प्रजेंटेशन में भारत के खिलाफ कुछ कार्यों की सूची लिखी हुई थी, जिसमें सारी प्लानिंग को दर्शाया गया है। इस बात का दावा किया गया है कि टूलकिट में भारत की योग, चाय और विश्वगुरु वाली छवि को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई थी।
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