भारत चीन सीमा विवाद (india china tension) को लेकर इस समय हिदुस्तान की सियसत काफी गर्मा चुकी है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब चरम पर पहुंच चुका है। इस दौरान BJP लगातार कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलने में जुुटी हुई है। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली शिवसेना (shivsena) अब कांग्रेस के बचाव में उतरी चुकी है। शिवसेना ने अपने अखबार ‘सामना’ के सहारे एक तरफ जहां BJP पर निशाना साधा है तो वहीं दूसरी कई बड़े पर्दाफाश भी किए हैं, जो कि यकीनन गौर करने लायक हैं।
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शिवसेना ने परोक्ष तौर पर बीजेपी पर हमला बोलते हुए अपने संपादकीय में लिखा है कि कई राजनीतिक दलों को विदेशों से पैसा मिलता रहा है। ऐसे में कोई राजनीतिक दल दूध का धूला हुआ नहीं है। राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी राजदूत की तरफ से पैसे मिले। क्या इसका खुलासा करके भारतीय सीमा पर चीनी सेना का अतिक्रमण खत्म हो जाएगा? क्या इस बात का खुलासा करके चीनी सेना अपने सीमा पर वापस लौट जाएंगे। इतना ही नहीं, कभी बीजेपी के साथ चोली दामन का साथ निभाने वाली शिवसेना ने भारत चीन सीमा विवाद को लेकर पीएम मोदी की नीति पर भी सवाल खड़े किए हैं।
शिवसेना ने किया बड़ा खुलासा
इसके साथ ही शिवसेना ने कहा कि अब सरकार के उस झूठ का खुलासा हो चुका है, जिसमें वो लगातार दावा कर रही है कि भारत और चीन के बीच तनाव अब कम हो चुका है। वार्ता का सिलसिला जारी है। शिवेसना ने आगामी भविष्य की ओर संकेत करते हुए कहा कि चीन की राष्ट्रीय नीति शुरू से ही बेहद अलहदा रही है। वो भारतीय सीमा पर युद्ध जैसे हालात बनाकर भारत को उलझाए रखना चाहता है और भारत के साथ वार्ता की बहानेबाजी भी करता है। ऐसी स्थिति में उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। शिवसेना ने कहा कि गलवान घाटी में चीन अपने सैनिकों को वापस ले जाने को तैयार है, लेकिन इस दौरान वे देपसांग सेक्टर में भी अपने सैनिकों की तैनाती सहित अन्य सैन्य उपकरणों की वहां पर तैनात कर रहा है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि चीन की कथनी और करनी में बहुत अंतर है।
उधर, चीन पूर्वी लद्दाख की सीमा को भी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। वैसे तो चीन युद्ध नहीं चाहता है, मगर भारत को वह युद्ध जैसी स्थिति में फंसाए रखना चाहता है। चीन एक गद्दार देश है। उसके नापाक मंसूबे हमेशा से जारी रहेंगे, जिसके चलते नेपाल और पाकिस्तान जैसे देश हमेशा से उसके साथ जुड़े रहेंगे। इस बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीते दिनों रूस दौरे पर गए थे, जहां पर उन्होंने कई दूरगामी संकेत दिए है। वहीं चीनी मीडिया सरकारी नियंत्रित है। जिसकी आड़ में चीन हमेशा से दुनिया को धोखे में रखना चाहता है।
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