Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में आए दिन हालात बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं अब अगर बारिश हुई तो प्रशासन के लिए और भी मुसीबत खड़ी कर सकती है। सैकड़ों लोगों को अभी तक खतरनाक इमारतों से बाहर निकाला जा चुका है। अभी तक 700 से ज्यादा घरों में दरारें देखी जा चुकी हैं 86 घरों को असुरक्षित चिन्हित किया जा चुका है। जिसमें 100 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया भी जा चुका है।
बारिश बन सकती है मुसीबत
जोशीमठ की जो संवेदनशील इमारतें हैं उन्हें आज प्रशासन की तरफ से गिराने की तैयारियां की जा रही है। लेकिन अगर बारिश हुई तो प्रशासन के लिए मुसीबत बन सकती है। आज से अगले 3 दिनों तक बारिश की संभावना जताई जा रही है अगर जोशीमठ में बारिश होती है तो मुसीबत और भी बढ़ सकती है। स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन बारिश से निपटने के लिए क्या रणनीति बनाता है। अधिकारियों के मुताबिक गांधीनगर में 134 और पालिका मारवाड़ी में 135 घरों में दरारें आ चुकी हैं। बताया जा रहा है कि जोशीमठ में अब तक भूस्खलन से 723 घरों में दरारें आ चुकी हैं।
राज्य सरकार देगी मुआवजा
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने अवगत कराया है कि गंभीर रूप से प्रभावित घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयो की पहचान की गई है और राज्य सरकार उचित मुआवजा और राहत उपाय प्रदान कर रही है। पर्यावरण विशेषज्ञ विमलेदु झा ने कहा है कि जोशीमठ इस त्रासदी का अंतिम गवाह नहीं है, क्योंकि आने वाले वर्षों में हिमालय के कई शहर और गांव ऐसी ही आपदा को झेलेंगे।
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