Parliament House: आज (सोमवार को) सुबह पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नए संसद भवन की बिल्डिंग की छत पर कांस्य के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया हैं. जिसके बाद उन्होंने नए संसद भवन के काम में लगे सारे कर्मचारियों से बातचीत की. ज्ञात हो कि नए संसद भवन की छत पर बने कांस्य के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के अनावरण के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी वहां पर थे. ज्ञात हो कि कांस्य के इस राष्ट्रीय चिन्ह की ऊंचाई 6.5 मीटर की है. अब ऐसे में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस अनावरण को गलत बताया है.
ओवैसी का ट्वीट
Constitution separates powers of parliament, govt & judiciary. As head of govt, @PMOIndia shouldn’t have unveiled the national emblem atop new parliament building. Speaker of Lok Sabha represents LS which isn’t subordinate to govt. @PMOIndia has violated all constitutional norms pic.twitter.com/kiuZ9IXyiv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 11, 2022
ओवैसी ने ट्वीट किया जिसमें लिखा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करके गलत किया है. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के प्रमुख के होने के नाते पीएम मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था. लोकसभा का अध्यक्ष LS का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है. सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.’
अशोक स्तंभ का वजन
नए संसद भवन पर बने नए अशोक स्तंभ के वजन के बारे में बात करें तो इसका वजन 9 हजार 500 किलोग्राम है. इसे नए संसद भवन के केंद्रीय फोयर (Central Foyer) के शीर्ष पर स्थापित कर दिया गया है.इसी के साथ ये भी बता दें कि 6.5 मीटर ऊंचे राष्ट्रीय प्रतीक को सपोर्ट देने के लिए साढ़े 6 हजार किलोग्राम का सपोर्टिंग स्ट्रक्चर बनाया गया है.
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