नई दिल्ली। सुषमा स्वराज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में याद की जाती हैं सुषमा स्वराज। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता रहीं सुषमा स्वराज की आज यानि 6 अगस्त को पुण्यतिथि है। इस मौके पर उनकी बेटी और वकील बांसुरी स्वराज ने ट्वीट कर भावुक पोस्ट लिखा है। अपनी पोस्ट में बांसुरी ने कहा है कि मां आज भी मेरी ऊर्जा बनकर मेरी रगों में बहती हैं। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का साल 2019 में 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
बांसुरी स्वराज ने ट्वीट किया कि मां आप मेरी ऊर्जा बनकर मेरी रगों में बहतीं हैं, आपका विवेक मेरे निर्णयों में सम्मिलित है और आपके आदर्श मेरे जीवन पथ को प्रज्वलित करते हैं। हे कृष्ण, आप मां को चुराकर ले गए, अब उन्हें सहेज के रखना। सुषमा स्वराज ने हरियाणा से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 1977 में पहली बार हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता। 25 साल की उम्र में चौधरी देवी लाल सरकार में में वे राज्य की श्रम मंत्री बनीं, वे हरियाण सरकार की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री थीं।
सुषमा स्वराज देश की राजधानी दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, वह दिसम्बर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं, वे दिल्ली की पांचवीं मुख्यमंत्री थीं। 1996 में दक्षिण दिल्ली से पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं और अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री बनीं। सुषमा स्वराज के भाषण में जो तल्ख था, अपनी बात रखने का सलीका था, वह इस कदर था जिसका विरोधी भी सम्मान करते थे। उनके विरोधी भी यही कहते थे कि उन्होंने कभी किसी की लकीर को छोटा करके अपनी लकीर बड़ी नहीं की। एक वाकया आज भी याद किया जाता है, दरअसल, भारतीय शूटर अभिनव ब्राजील के रियो प्री ओलंपिक में गए थे लेकिन उनके कोच का पासपोर्ट चोरी हो गया था। अभिनव ने ट्वीट कर सुषमा स्वराज से गुहार लगाई थी। वह उनकी मदद के लिए तैयार थीं, लेकिन एक शर्त रखी थी कि आप भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे।
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