ऐसा कहा जाता है कि पूत कपूत सुने बहुतेरे, माता सुनी न कुमाता। इसका मतलब है कि बच्चे अपने मां-पिता के लिए गलत कर सकते है, लेकिन माता और पिता अपने बच्चों के लिए कुछ गलत नहीं कर सकते हैं। हर दुखों को झेल कर भी माता-पिता अपने बच्चों का भरण-पोषण पूरी लगन से करते हैं, लेकिन इस बात को मध्य प्रदेश की एक घटना ने पूरी तरह से बदल दिया है। एम.पी में सागर जिले के बम्हौरी कलां गांव में रहने वाली जयंती बाई और उनके पति मोहन ने इन सारी बातों को गलत करार कर दिया है।
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क्या है पूरा मामला
ये मामला मध्यप्रदेश के सागर जिले के बम्हौरी कलां गांव का हैं, जहां पर जयंती बाई और मोहन दो बेटियों के माता-पिता हैं, लेकिन इनको देख के ऐसा लगता है कि अपने पैदा किए हुए इन बच्चियों से उनको लेषमात्र भी प्रेम नहीं हैं। इस बात को शुक्रवार के दिन की घटना ने पूरी तरह से सिद्ध कर दिया हैं। बीते दिन जब जयंती का अपने पति मोहन से झगड़ा हो गया तो गुस्से के कहर को कम करने के लिए उसने अपनी एक साल की बेटी को पैर से कुचर दिया। जयंती बाई का गुस्सा यहीं पर नहीं थमा। उन्होंने दूसरी बेटी पर भी पूरा गुस्सा दिखाया और दूध पी रही अपनी ही दूसरी चार साल की बेटी के मुंह पर भी लात मार दी।
निर्दयी पिता ने बनाया वीडियो
अपनी बच्चियों को क्रूर मां से बचाने के बजाय पति मोहन ने और भी भयानक काम किया। बेटियों को बचाने की जगह पति मोहन ने उनका वीडियों बनाने में मशगूल हो गया। इतना ही नहीं इस वीडियो को जयंती के पति ने सोशल मीडिया में शेयर भी किया है। यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसके बाद मोहन ने अपनी पत्नी के खिलाफ पास के थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस से दोनों ने झगड़े की बात कहीं है। उनके परिवार ने भी लिखकर दिया है कि वे इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते हैं। ताज्जुब तो तब हुआ जब पुलिस ने भी दोनों पति पत्नी को समझा बुझा कर घर भेज दिया।
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