हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कोरोना से रिकवर हो चुके एक मरीज के ब्रेन में दुर्लभ व्हाइट फंगस फोड़ा यानि एस्परगिलस मिला है। यह मरीज बीते मई महीने में कोरोना से संक्रमित हुआ था, बीमारी के वक्त उसके फेफड़ों में गंभीर संक्रमण था और उसे बोलने में भी परेशानी हो रही थी। स्कैन से पता चला था कि मरीज के ब्रेन में क्लॉट जैसी संरचनाएं बन रही हैं, लगातार इलाज किए जाने के बावजूद ये क्लॉट ठीक नहीं हुए, जब सर्जरी की गई तब पता चला कि व्हाइट फंगस ने फोड़ा बना लिया है जो कि बेहद दुर्लभ बीमारी मानी जाती है।
हैदराबाद के सनशाइन अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. पी. रंगनाथम का कहना है कि ऐसे फोड़े बेहद दुर्लभ हैं। भारत में ऐसे मामले में बिल्कुल न के बराबर आए हैं, उन्होंने कहा कि एक यूनीक मामला है। सामान्य तौर पर फंगल इन्फेक्शन मधुमेह के मरीजों को जल्दी अपनी गिरफ्त में लेता है, लेकिन इस मरीज को मधुमेह की समस्या नहीं है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बाद ब्लैक फंगस के केस एकाएक बढ़ गए थे, विशेष रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में इसके रोगियों की संख्या काफी ज्यादा थी, कई मरीजों की आंख भी निकालनी पड़ी थी। इसके बाद फंगस के कई स्वरूप सामने आए हैं। अब हैदराबाद में व्हाइट फंगस फोड़े के सामने आने के बाद डॉक्टरों के सामने एक नया चैलेंज खड़ा हो चुका है।
गौरतलब है कि जैसे जैसे कोरोना की दूसरी लहर का असर कम हुआ, वैसे वैसे ब्लैक फंगस के मामले में भी कम होते गए हैं। डॉ पी रंगनाधम ने कहा कि परानासल साइनस स्पष्ट रूप से संकेत कर रहे हैं कि ब्लैक फंगस के विपरीत सफेद फंगस नाक के जरिए मस्तिष्क में प्रवेश नहीं किया था। रोगी की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी देते हुए डॉ पी रंगनाधम ने कहा कि रोगी को अंगों में कमजोरी और अस्पताल में भर्ती होने के छठे दिन कोविड की दूसरी लहर के चरम के दौरान बोलने में कठिनाई की शिकायत होने लगी थी। उसके मस्तिष्क के बार-बार एमआरआई के बाद यह पाया गया कि उसके दिमाग में व्हाइट फांगस का फोड़ा है।
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