लोकसभा चुनाव के बाद से जिस कांग्रेस नेता की वजह से पंजाब की सियासत में घमासान मचा हुआ था। वो कांग्रेस नेता यानि पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मां वैष्णो देवी की आराधना कर पंजाब लौट गए हैं। उन्होंने देवी मां की 9 दिनों तक आराधना की। और गुरुवार की सुबह देवी की दिव्य आरती में शामिल होने के बाद नतमस्तक कर पंजाब के लिए रवाना हो गए। बता दें, सिद्धू काफी गुपचुप तरीके से वैष्णो देवी के लिए 3 जुलाई को रवाना हुए थे। इसकी जानकारी उन्होंने किसी को नहीं दी थी। सिद्धू ने पूरे 9 दिनों तक मां की आरधना की। ये उनके जीवन का पहला ऐसा मामला था, जब वो इतने लंबे समय के लिए देवी मां के चरणों में लीन रहे हों। वैसे तो वो कई बार मां वैष्णो के दर्शन करने गए हैं। और 3 से 4 दिन वहां गुजारे हैं। लेकिन इस बार वो 9 दिनों तक मां वैष्णो देवी की भक्ति में लीन रहे। ये भी पढ़ेंः- वैष्णो देवी जाने वाले यात्रियों के लिए मोदी सरकार का तोहफा, अब मात्र 8 घंटे में पूरा होगा सफर
वहीं सूत्रों का ये भी कहना है कि, पंजाब सरकार और सिद्धू के रिश्तों में आई खटास के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार से दूरी बना ली। और वो अपनी राजनीतिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए सरकार पर दवाब बना सके, इसलिए वो मां वैष्णो के चरणों में चले गए। जिससे उन्हें देवी मां का आर्शीवाद मिले। इस यात्रा के दौरान सिद्धू ने किसी के साथ ना तो कोई फोटो खिंचवाई और ना ही किसी राजनीतिक संबंध में मुलाकात की। इतना ही नहीं उन्होंने तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस यात्रा से संबंधित कोई तस्वीर पोस्ट नहीं की।
माना जा रहा है कि, सिद्धू अब पंजाब लौटने के बाद अपने राजनीतिक करियर पर ध्यान देंगे। साथ ही पंजाब सरकार के साथ रिश्तों को बेहतर करने की कोशिश करेंगे। फिलहाल देखना तो ये होगा कि, सिद्धू अब अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालते हैं या बीते दिनों की तरह पंजाब सरकार से दूरी बनाकर चलते हैं। वैसे तो सिद्धू के बयानों और उनकी हरकतों की वजह से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह काफी खफा है। ऐसे में सिद्धू अपनी राजनीतिक इच्छाओं को किस तरह पूरा करेंगे ये देखना काफी दिलचस्प होगा। ये भी पढ़ेंः- सिद्धू लापता हैं, एक्शन लिया जाए..बीजेपी नेता की चिट्ठी से मचा हड़कंप
देखिए, किस तरह सिद्धू के राजनीतिक करियर पर मंडरा रहा खतरा