नीतीश सरकार ने लिया यह फैसला, 5वीं तक के स्कूलों को मिला ग्रीन सिग्नल

बिहार(Bihar) के पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक के स्कूल एक मार्च से खुल जाएंगे। स्कूल खुलने(School opening) के बाद सभी लोगों को कोरोना से बचने के सारे नियमों का पालन करना होगा। इतना ही नहीं पहले के जैसे स्कूलों में सबकी 50 प्रतिशत उपस्थिति(Presence)की ही परमिशन होगी। मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में यह फैसला लिया गया। नीतीश कुमार सरकार ने ये फैसला लेते हुए पहली से 5वीं तक की कक्षाएं शुरू करने का आदेश दिया है। अब 1 मार्च से इन कक्षा के बच्चें स्कूल जा सकेंगे।
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कोरोना के कारण बंद थे सारे शिक्षण संस्थान
कोरोनाकाल के कारण पिछले साल मार्च के महीने से ही सारे प्राइवेट और सरकारी स्कूल सहित कॉलेज, कोचिंग्स को बंद कर दिया गया था। कोरोना के केस कम होते देख राज्य के नए साल में चार जनवरी से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खोलने का फैसला किया गया था। इसके बाद आठ फरवरी से कक्षा 6वीं से 8वीं तक के स्कूल बच्चों की 50 प्रतिशत की उपस्थिति के साथ विद्यालय खोलने का फैसला लिया गया था। स्कूलों के खुलने के बाद जिलाधिकारियों को इनकी मॉनिटरिंग और कोरोना गाइड लाइन के पालन की जिम्मेदारी दी गई थी।
कोरोना गाइडलाइन्स का पालन है मुख्य
राज्य में स्कूल खुलने के बाद कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों को खोलने की भी अनुमति के साथ-साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। मुख्य सचिव ने बताया कि इसके साथ ही कोरोना के प्रति लोगों की बढ़ती लापरवाही को देखते हुए जिला स्तर पर जागरूक बढ़ाने के निर्देश जिलों को दिए गए हैं। स्कूलों में बच्चों को 6 फीट दूरी पर बैठाया जाए। स्कूल की ओर से बच्चों को 2-2 मास्क दिए जाएं। स्कूलों को पूरी तरह से सैनेटाइज करना चाहिए।
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