Live Breaking News: आसाराम की पूर्व शिष्या ने उनके खिलाफ रेप का केस किया था. जिस पर अब 9 साल बाद अब फैसला आ गया है. काफी समय बाद सोमवार को गांधीनगर की एक अदालत ने स्वयंभू संत को दोषी ठहरा दिया और मंगलवार को उन्हें उम्रकैद की सजा सुना दी गई है. अभियोजन पक्ष ने बोला है कि सत्र अदालत के न्यायाधीश डीके सोनी ने सबूत न होने पर आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, उनकी बेटी और अपराध को बढ़ावा देने के आरोपी चार शिष्यों के साथ छह बाकी के आरोपियों को बरी किया गया है.
रेप के लगाए थे आरोप
लड़की के बताए अनुसार, जब वो सूरत में आसाराम के आश्रम में रहती थी, तो उसके साथ रेप हो गया था.तो वहीं बड़ी बहन ने शिकायत में आसाराम पर रेप का केस किया था. पीड़िता ने बोला कि अहमदाबाद में आश्रम में आसाराम ने उसके साथ बहुत बार दुष्कर्म कर दिया. दोनों बहनों ने पिता-पुत्र के खिलाफ अलग-अलग रहने की तहरीर दी है.
आसाराम बापू इस समय जोधपुर की एक जेल में बंद है. 2018 में, जोधपुर की एक कोर्ट ने उन्हें एक अलग यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उन्हें 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने का दोषी पाया गया था.
बेल की अपील
आसाराम बापू (Asaram Bapu) जो कि इस समय जेल में बंद हैं उन्होंने हाल ही में कोर्ट से जमानत की मांग की थी. जमानत अर्जी में आसाराम ने बोला था कि वो बीते 10 साल से जेल में है. उनकी उम्र 80 साल से अधिक है. वो एक गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए और जमानत का आदेश देना चाहिए, जिससे उनको उचित इलाज मिल सके.
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