आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन सिर्फ कॉल या चैटिंग का जरिया नहीं, बल्कि हमारी पूरी ज़िंदगी का रिकॉर्ड बन चुका है — बैंक डिटेल्स, OTP, फोटो, लोकेशन, यहां तक कि हमारी निजी बातें तक। लेकिन अगर आपका फोन अचानक अजीब व्यवहार करने लगे, तो सावधान हो जाइए।
हैकर्स अब सिर्फ लिंक या ऐप के ज़रिए नहीं, बल्कि सिस्टम के छोटे-छोटे loopholes के सहारे भी आपके फोन तक पहुंच बना लेते हैं। कई बार यह सब इतने चुपचाप होता है कि यूज़र को भनक तक नहीं लगती। आइए जानते हैं वे 5 संकेत जो बता सकते हैं कि आपका फोन अब सिर्फ ‘आपका’ नहीं रहा।
फोन की स्पीड अचानक कछुए जैसी हो जाए!
अगर आपका फोन पहले तेज़ चलता था और अब अचानक स्लो हो गया है, ऐप्स देर से खुलने लगते हैं, या बार-बार हैंग हो जाता है — तो यह किसी बड़े खतरे का इशारा हो सकता है।
कई बार हैकर्स द्वारा इंस्टॉल किया गया स्पाइवेयर या मालवेयर बैकग्राउंड में चलता रहता है और फोन की रैम, डेटा और बैटरी का इस्तेमाल करता है। यही कारण है कि सिस्टम धीरे-धीरे थकने लगता है।
बैटरी का फटना नहीं, उड़ जाना — सेकंडों में खत्म!
अगर आपकी मोबाइल बैटरी बिना इस्तेमाल के भी मिनटों में खत्म होने लगे, तो यह किसी ‘डिजिटल जोंक’ की वजह से हो सकता है।
हैकिंग टूल्स लगातार बैकग्राउंड में चलते रहते हैं — डेटा अपलोड करते हैं, लोकेशन ट्रैक करते हैं और सिस्टम के संसाधनों को चूसते रहते हैं। इसलिए अचानक से बैटरी का खत्म होना, एक लाल झंडी है।
डेटा खत्म हो रहा है, पर आप तो नेट चला ही नहीं रहे?
आपके डेटा पैक का असामान्य रूप से खत्म होना या Wi-Fi यूसेज का बढ़ जाना इस बात का संकेत है कि कोई ऐप या स्क्रिप्ट बैकग्राउंड में डेटा भेज रही है।
यह स्पाइवेयर या ट्रोजन वायरस की हरकत हो सकती है, जो चुपचाप आपकी जानकारी किसी सर्वर पर अपलोड कर रहा है। अगर फोन के “Data Usage” सेक्शन में किसी अनजान ऐप का नाम दिखे, तो तुरंत उसे डिलीट करें।
बिना छुए कॉल-मैसेज जा रहे हैं? अब मामला गंभीर है!
अगर आपके फोन से बिना आपकी जानकारी के कॉल लग जाएं, मैसेज भेजे जाएं या सोशल मीडिया पर अजीब एक्टिविटी दिखे — तो समझ लीजिए हैकर्स ने पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है।
यह स्थिति बेहद खतरनाक होती है क्योंकि अब आपके बैंक ऐप्स, गैलरी और चैट्स तक उनकी पहुंच संभव है। ऐसे में तुरंत फोन को एयरप्लेन मोड पर डालें, पासवर्ड बदलें और साइबर एक्सपर्ट या सर्विस सेंटर से जांच करवाएं।
सच का पता ऐसे लगाएं और बचाव ऐसे करें
सबसे पहले संदिग्ध ऐप्स को तुरंत हटाएं।
एक भरोसेमंद एंटीवायरस या सिक्योरिटी ऐप से पूरा स्कैन करें।
सभी अकाउंट्स के पासवर्ड तुरंत बदलें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें।
अगर समस्या बनी रहे तो फैक्ट्री रीसेट करें, लेकिन पहले जरूरी डेटा का बैकअप ले लें।
किसी अज्ञात लिंक या APK फाइल को डाउनलोड करने से हमेशा बचें।
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