दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बिगड़े हुए रिश्ते में तुर्की भी षामिल होता जा रहा है। भारत ने जब कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर केन्द्र शासित प्रदेश बनाया तो तुर्की पाकिस्तान का साथ देने लगा। पाकिस्तान के मुद्दे पर तुर्की आतंक का साथ देने को तैयार है। तुर्की कश्मीर को लेकर एक नई साजिश रच रहा है। तुर्की ने पाकिस्तान से वादा किया है कि वह अपने लड़ाकों को कश्मीर भेजने वाला है। तुर्की के लड़ाके कश्मीर में आतंकियों का साथ देंगे। ग्रीस की एक मीडिया रिपोर्ट में तुर्की की इस साजिश का खुलासा किया है। ज्ञात हो कि कश्मीर मसले पर तुर्की हमेशा पाकिस्तान का साथ देता रहा है। ग्रीस की पेंटापोस्टाग्मा नाम की एक वेबसाइट पर प्रकाशित हुई खबर के कहा गया है कि तुर्की के भाड़े के लड़ाकों का सैन्य संगठन सादात अब कश्मीर में सक्रिय होने वाले हैं। तुर्की खुद को मध्य एशिया में अग्रणी शक्ति के रूप में दिखाना चाहता है। इसलिए वह पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में हिंसा फैलाने की साजिश रच रहा है। तुर्की कश्मीर घांटी में अशांति फैलाने वाला है।
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तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दवान इस्लामिक दुनिया में सऊदी के प्रभुत्व को चुनौती देकर स्वयं नेतृत्व की भूमिका में आना चाहते हैं।एर्दवान का कश्मीर में भाड़े के लड़ाकों को भेजना भी उनकी इसी रणनीति का हिस्सा है। एर्दोगन ने भाड़े के जिम्मेदारी सादात को सौंपी है। सादात का नेतृत्व एर्दोगन के सैन्य सलाहकार अदनान तनरिवर्दी करता है। तनरिवर्दी कश्मीर में बेस तैयार करने के लिए कश्मीर में जन्मे सैयद गुलाम नबी फई नाम के आतंकी को नियुक्त किया है। सैयद गुलाम नबी फई का जन्म जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में अप्रैल 1949 में हुआ था। यह कट्टरपंथी संगठन जमात-ए -इस्लामी का भी सक्रिय सदस्य है। इसे घाटी में आतंक का आका भी कहा जाता है।
फई ने अमेरिका में कश्मीर के खिलाफ साजिश रचने के लिए अमेरिकी काउंसिल ऑफ कश्मीर की स्थापना की थी। इस संस्था की फंडिंग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई करती है। यह संगठन पाकिस्तान के पैसे पर पलता है। धनराशि मिलने के बात की पुष्टि अमेरिका की एफबीआई ने की है। यह संगठन अब तुर्की के सादात और इस्लामिक दुनिया नाम के एक एनजीओ के साथ मिलकर कश्मीर में साजिश रच रहा है।