साल 1888 जब लंदन में सीरियल किलर का खौफ था. ये किलर वेश्याओं की हत्या करके उनके शरीर के अंगों को निकाल लेता था. वहीं अब इस घटना के के 100 साल से ज्यादा समय के बाद हत्यारे का पता लगा लिया है. देर से ही सही, लेकिन हत्यारे का पता चल गया है. जांचकर्ताओं का कहना है कि ‘जैक द रिपर’ को उन्होंने बेनकाब कर दिया है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डीएनए मैच के आधार पर पिछले हफ्ते ही उन्होंने ये खुलासा किया है.
जिसे पहले छोड़ा, वो ही निकला कातिल
लगभग 130 साल पहले सीरियल किलर द्वारा मारी गई 5 पीड़ितों के पास से मिले शॉल से डीएनए लिया गया. ये सैंपल कॉसमिंस्की नाम के एक नाई से मैच कर रहा है. हालांकि, पहले भी इस नाई को मुख्य आरोपी माना था, लेकिन सबूत पर्याप्त न होने की वजह से उसे छोड़ दिया गया था. वहीं अब इस कातिल के खिलाफ सबूत मिल गया है डीएनए टेस्ट द्वारा. रिसर्चर्स का कहना है कि 1888 में कैथरीन एडवर्स नाम की मृतक महिला के पास से एक सिल्क का शॉल मिला था. जिस पर खून और वीर्य के निशान थे. वैज्ञानिकों का दावा है कि ये डीएनए एरन के डीएनए से पूरी तरह मैच करता है.
खबरों की मानें तो 3 अप्रैल से 13 फरवरी 1891 के बीच लगभग 11 हत्याएं हुई थी. जांच में पुलिस को 5 हत्याओं में समानता मिली. वहीं 100 साल से ज्यादा समय के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स और लीवरपूल जॉन मूर्स यूनिवर्सिटी के जारी लोहेलमेन की तरफ से पब्लिश किए गए रिसर्च पेपर्स में खुलासा किया गया है. ये भी पढ़ें: सीएम योगी ने 16 महीने में नाप दिए 75 जिले बनाया अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड