जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटे एक महीने का समय बीत चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घाटी पर इस ऐतिहासिक फैसले के बाद, अब विकास के रास्ते जम्मू कश्मीर को लाने के लिए काम हो रहा है। लेकिन इतना सब होने के बाद भी पाकिस्तान अब तक इस फैसले पर रो रहा है। पाकिस्तान ने अब तक जम्मू कश्मीर पर भारत के फैसले को माना नहीं है। जिसके चलते पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना में हलचल होती रहती है। जहां एक तरफ पाकिस्तान पहले ही कश्मीर मामले पर अंतरराष्ट्रीय मच पर मुंह की खा चुका है। तो अब पाकिस्तान अपनी सेना के दम पर भारत को आंख दिखाने की हिमाकत कर रहा है। दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एलओसी पर पाक सेना की तैयारियों का जायजा लिया है। लेकिन इस दौरान इमरान खान ने कश्मीर को पाकिस्तान की दुखगी नस बताया। इतना ही नहीं, इमरान खान ने भारत के इस फैसले को देश की सुरक्षा और अखंडता को चुनौती बताया।
इमरान खान ने पाकिस्तान के रक्षा और शहीद दिवस पर कहा कि उनकी सरकार ने वैश्विक राजधानियों और संयुक्त राष्ट्र में सक्रीय कूटनीतिक अभियान शुरू किया ताकि वैश्विक समुदाय को कश्मीर के बारे में बताया जा सके जिसका विशेष दर्जा भारत ने पांच अगस्त को खत्म कर दिया था। इसके आगे इमरान खान ने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान की कमजो नस है। अगर कश्मीर के विशेष दर्जे में बदलाव किया जाएगा। तो पाकिस्तान की सुरक्षा और अखंडता पर सीधा खतरा होगा। इमरान ने कहा कि मैंने अंतरराष्ट्रीय समुदा से भारत के परमाणु जखीरे की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करने की भी अपील की। यह वही मुद्दा है जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित करता है। मैंने पूरी दुनिया से कहा है कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन साथ ही पाकिस्तान उसकी सुरक्षा एवं अखंडता को दी जाने वाली चनौतियां से बेपरवाह भी नहीं रह सकता। ये भी पढ़ें:-इमरान खान की गीदड़ भभकी, पूरी दुनिया पर होगा भारत और पाकिस्तान के युद्ध का असर