भारत के उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण की अमेरिकी रक्षा संस्थान नासा ने कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि, भारत के मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में काफी मात्रा में मलबा जमा हो गया है. जिसके बाद किसी भी अंतरिक्ष यात्री का अंतरिक्ष में जाना काफी मुश्किल हो सकता है. इसके बाद भारत डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि ‘नासा का मलबा 45 दिनों में साफ हो जाएगा’. अधिकारी ने बयान जारी करते हुए कहा कि ‘मिशन शक्ति परीक्षण को कचरे के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए किया गया था. और जानकारी के लिए बता दें कि दो चीनी परीक्षणों का मलबा अब भी अंतरिक्ष में मौजूद है., लेकिन भारत के परीक्षण का मलबा गायब हो जाएगा’.
नासा के आरोप दुष्प्रचार हैं
डीआरडीओ अधिकारी ने नासा के द्वारा लगाए गए आरोपों को दुष्प्रचार बताते हुए कहा कि, “ये बयान एक अनुमानित है. और हमारे मिसाइल के सभी टुकड़ों का अंतरिक्ष में रहने का वेग नहीं है. परीक्षण से जो मलबा अतंरिक्ष में पैदा हुआ है वो नीचे गिरकर पृथ्वी के वातावरण में जल जाएगा”.
गौरतलब है कि भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद सेटेलाइट को मार गिराया था. इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने दी थी. इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने देश को संबोधितन भी किया था. वहीं, इसी बीच, राष्ट्र के नाम उनके संबोधन को लेकर विपक्षी दलों ने निशाना भी साधा था. विपक्षी दलों का कहना था कि पीएम मोदी ने इसका सियासी फ़ायदे लेने को आतुर है. ये भी पढ़ेंः- मिशन शक्ति के बाद मोदी का मिशन कौटिल्य चीन-पाकिस्तान की नींद उड़ गई