इमरान खान जब से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने है, तब से ही पाकिस्तान के बदले रूप की बात कर रहे है। अब इमरान खान हर जगह एक ही वाक्या दोहराते हुए नजर आ रहे है कि ये नया पाकिस्तान है। लेकिन इस बात मे कितनी सच्चाई है ये तो दुनिया जानती है। इमरान खान के राज में भी पाकिस्तान में आज उस कदर ही आतंक पनप रहा है जैसे पहले फल- फूल रहा था। जिसके चलते अब इमरान खान का ये बात झूठी साबित होती है। इसके अलावा और भी कई ताजे मामले है जो इमरान के पाकिस्तान के झूठिस्तान बताता है।
पहला सबूत
2 मार्च 2019- पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान दिया था। इस बयान मात्र से ही साफ हो गया था कि पाकिस्तान में बैठी इमरान सरकार आतंकियों को सहारा दे रही है। अपने बयान में विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था की जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है और कुछ इतन बीमार है कि बिस्तर से उठ भी नहीं सकता। ऐसे में आखिर वो पुलवामा में आतंकवादी हमला कैसे करा सकता है?
दूसरा सबूत
5 मार्च 2019- पाकिस्तान विदेश मंत्री के बयान के तीन दिन ही बाद पाकिस्तान की तरफ से दूसरा बयान सामने आया। जो सबूत था कि पाकिस्तान आतंक परस्त है। 5 मार्च 2019 को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शहरयार आफरीदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान मंत्री जी ने कहा था कि पाकिस्तान में चल रहे 70 से ज्यादा आतंकवादी संगठनों पर बैन लगाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही 40 से ज्यादा आतंकियों को गिरफ्तार भी किया है।
तीसरा सबूत
6 मार्च 2019- आंतरिक मामलों के मंत्री आंतरिक मामलों के मंत्री शहरयार आफरीदी के बयान पर पाकिस्तान ने एक दिन में ही यू-टर्न ले लिया। जिससे पूरी दुनिया हैरान रह गई। जहां पहले मंत्री आफरीदी ने आतंकियो के गिरफ्तार होने की बात कही। वही 6 मार्च को पाकिस्तान के सेना प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ़ ग़फ़ूर ने अटपटा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जैश नाम का कोई संगठन ही नहीं है और जब संगठन ही नहीं, तो पाकिस्तान कैसे पुलवामा हमले की कार्रवाई करे।
अब पाकिस्तान पर सवाल ये खड़ा होता है कि पहले पाकिस्तान आतंक पर अपना रुख नेताओं का साफ करे। क्योंकि एक नेता पाकिस्तान में आतंक की बात कबूलता है तो वही दूसरा नेता संगठन होने की बात से ही मुकर जाता है। जिससे पाकिस्तान के नेता खुद अपनी फैलाएं जाल में फंस जाते है और यही बात साबित करता है कि पाकिस्तान की इमरान सरकार भी आंतकियों को अपनी गोद में बिठाकर रखती है।