पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन कर उनकी शादी कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामल के खिलाफ लाहौर में हिंदू लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। बता दें कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो नाबालिग हिंदू लड़कियों रवीना और रीना को अगवा करके जबरन मुस्लिम बनाकर उनका निकाह का मामला सामने आने के बाद यहां हिंदूओं में डर और नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने पीडि़त परिवार को इंसाफ दिलाने की बात कही है, लेकिन सरकार की कथनी और करनी में फर्क नजर आ रहा है।
बता दें कि होली की शाम को सिंध के घोटकी जिले से पाकिस्तान में रहने वाली दो हिंदू लड़कियों का अपहरण करके जबरन उनका धर्मांतरण कर मुस्लिम बना दिया गया। इस घटना की वजह से हिंदू समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को उनका अल्पसंख्यकों के प्रति आश्वासन याद दिलाया।
Pakistan: Protest in Lahore against the forced conversion of two Hindu girls in Sindh (30.3.19) pic.twitter.com/9uLmmsbgFQ
— ANI (@ANI) March 31, 2019
कराची से पाकिस्तान हिंदू सेवा वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष संजेश धंजा ने बताया कि दो बहनों- 13 साल की रवीना और 15 साल की रीना का कथित तौर पर अपहरण करके शादी के बाद उन्हें इस्लाम कबूल करवा दिया गया। पाकिस्तान ट्रस्ट के मुखिया ने आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के सड़क पर उतरने के बाद भी पुलिस ने केवल एक एफआईआर दर्ज की है।
इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ़ के सांसद डॉक्टर रमेश कुमार वांकवानी पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए दो विधेयक लाने जा रहे हैं। वांकवानी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में दो विधेयक पेश किए हैं। “पहले प्रस्ताव में लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल किए जाने को लेकर है जबकि दूसरा प्रस्ताव जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए है।”