पुलवामा हमले के बाद से भारत जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और मोस्टवोन्टेड आंतकी मसूद अजहर को यूएन तक लेकर गया। ताकि यूएन में मसूद को ग्लोबर आतंकी घोषित किया जा सका। भारत के इस कदम में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन भी खड़ा नजर आया। लेकिन चीन के एक कदम ने भारत समेत सभी देशों के खेल को बिगाड़ कर रख दिया। इस दौरान चीन ने आतंकी मसूद अजहर का साथ देते हुए अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया। जिसके चलते मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित नहीं हो सका।
चीन के इस कदम के बाद अब सभी देश एक साथ आकर चीन पर दवाब बना रहे है। जिसके बाद मसूद के मामले में चीन का रूख बदलता हुए नजर आया है। जो काफी हैरानी वाला है। चीन ने पहली बार 2008 के मुंबई हमले को अत्यंत भीषण करार आतंकी हमला करार दिया है। इस बयान के दौरान चीन ने आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का नाम भी लिया है। जिससे साफ है कि जो चीन अब तक मसूद को आतंकी मानने के लिए तैयार नहीं था। वो अब ग्लोबर प्रेशर में आने के बाद आतंकवाद पर अपना रूख बदल रहा है।
बता दे कि चीन ने अपने श्वेत पत्र में कहा है कि पिछले कुछ सालो में आंतकवाद और उग्रवाद के वैश्विक प्रसार ने मानवता पर अघात पहुंचाया है। इस दौरान चीन ने मुंबई में 2008 में हुए आंतकी का भी जिक्र किया। जिसे चीन ने सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में से एक करार दिया। बता दे कि मुंबई मे हुआ ये हमला भारत मे अब तक सबसे बड़ा आतंकी हमला था। इस हमले में 150 लोगों की जान गई थी। ये भी पढ़ें:- आखिर क्या है वीटो ? जिसकी वजह से चीन ने मसूद अजहर को बचा लिया