बालाकोट में भारत की ओर से हुई एयर स्ट्राइक के करीब एक महीने बाद पाकिस्तानी सेना पत्रकारों की एक टीम को हमले वाली जगह ले गई जहां जैश के आंतकी कैंप को भारतीय वायु सेना ने ध्वस्त किया था। बता दें कि पाकिस्तान ने इस महीने के दौरान हमले के सभी सुबूतों मिटा दिया है। सारे साबूत मिटाने के बाद ही पाक सेना पत्रकारों को एक महीने बाद घटना वाली जगह पर ले गई। जिससे ये साबित न हो सके कि भारत की कार्रवाई में उसके आतंकी कैंप को कई नुकसान नहीं पहुंचा है।
रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान ने बालाकोट का हुलिया बदलकर दुनिया को ऐसा दिखाने की कोशिश की है ये एक आम मदरसा है। 28 मार्च को आठ मीडिया टीम के सदस्यों को बालाकोट कैंप के अंदर ले जाने से पहले 300 के करीब बच्चों को कैंप में बैठा दिया गया था। सभी बच्चों को पहले ही ब्रीफिंग कर ये समझा दिया गया था कि उन्हें मीडिया के सामने क्या बोलना है।
जानकारी के मुताबिक भारतीय वायु सेना एयर स्टाइक कर जिस आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया था। वहां पाकिस्तान ने अपने पाकिस्तानी सेना की फ्रंटियर कोर को तैनात कर दिया था। जिसके बाद गोपनिएं तारीके से इस हमले के साबूत मिटाए गए। एक महीने के अंदर ध्वस्त कैंप को दोबारा दुरुस्त किया गया। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना पत्रकारों को वहां ले गई।