नॉर्वे के समुद्र तट के पास खराब मौसम के चलते शनिवार को यात्रियों से भरा एक क्रूज खतरे में फंस गया। बताया जा रहा है कि इंजन बंद होने की वजह से क्रूज तूफान से बाहर नहीं निकल पाया। जिसकी वजह से इसमें सवार 1300 लोगों की जान खतरे में आ गई। हालांकि क्रूज से शनिवार को सभी लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए अभियान चलाया गया है। वही खराब मौसम की वजह से बचाव अभियान में बाधा आ रही है। अभी भी कई लोगों के वहां फंसे होने की खबर है।
बताया जा रहा है कि 100 लोगों को एयरलिफ्ट कर किनारे के पास मौजूद मोल्दे गांव में पहुंचाया जा चुका था, लेकिन मौसम विभाग की तरफ से रात में करीब 11 बजे खतरनाक समुद्री तूफान आने की संभावना जताने के चलते स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है। लोगों को क्रूज से बाहर निकलने के लिए अभियान में चार हेलिकॉप्टर, कई नौकाएं लगी हुई थीं और बचाव दलों के साथ रेडक्रॉस के भी 60 स्वयंसेवकों की टीम मौके पर पहुंची है।
समुद्री बचाव सेवा के मुताबिक, वाइकिंग स्काई क्रूज शिप ने खतरे के संकेत भेजे थे, जिसके बाद बचाव अभियान शुरू किया गया। लेकिन खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य में मुश्किले आ रही है। उन्होंने बताया कि बाद में क्रू स्टाफ ने किसी तरह जहाज का एक इंजन शुरू कर लिया। किनारे से दो किलोमीटर की दूरी पर जहाज ने लंगर डाल दिया है। जहाज वहां से वह आगे नहीं बढ़ पा रहा है। वही करीब 6 से 8 मीटर ऊंची खतरनाक समुद्री लहरों और 24 मीटर प्रति सेकंड की तेज हवा के कारण बचाव अभियान में मुश्किल पेश आ रही है।
खराब मौसम के कारण ही दो नौकाओं को जहाज के करीब पहुंचकर वापस लौटना पड़ा। बचाव दल के प्रवक्ता इनार नुदसेन के मुताबिक, सभी लोगों को समुद्र से निकालने में बेहद लंबा समय लगेगा। बता दें कि वाईकिंग क्रूज नार्वे के अरबपति उद्योगपति टार्सटेन हेगन की कंपनी का है और इसकी क्षमता महज 930 यात्रियों की ही है। वही जहाज जिस जगह फंसा है वहां पर जल सतह के नीचे ऊंची चट्टानें हैं, इसलिए वहां पर बचाव कार्य के लिए किसी दूसरे जहाज को भेजना भी खतरनाक है।