Wednesday, June 7, 2023

तालिबान ने रखी शर्त, अफगान राष्ट्रपति का समर्थन बंद कर दे भारत, नहीं होगा नुकसान

Must read

- Advertisement -

काबुल। तालिबान के हमले के डर से अफगान अधिकारी खुद अपने सरकारी नियंत्रण वाले क्षेत्रों से भागने लगे हैं। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को लेकर भारत समेत कई देश चिंतित हैं। वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान में खूनी की होली खेल रहे तालिबान ने भारत से दोस्ती के संकेत दिये हैं। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान में भारत सहित किसी भी देश के इकोनॉमिक प्रोजेक्ट्स को कोई खतरा नहीं है। हालांकि, इसके लिए तालिबान ने एक शर्त भी रखी है, आतंकी संगठन का कहना है कि यदि भारत अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकार द्वारा की जा रही गोलीबारी का समर्थन बंद कर देता है, तो उसके प्रोजेक्ट्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

- Advertisement -

संभवत: यह पहली बार है जब तालिबान ने कथित तौर पर भारत से समझौते की बात कही है। एक समाचार पत्र के अनुसार तालिबान प्रतिनिधिमंडल ईरान, रूस और चीन जैसे देशों से बातचीत कर रहा है और कुछ हद तक इसी तरह के प्रस्ताव सौंप रहा है। हालांकि, भारत को लेकर यह बयान तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की तुलना में कम-रैंकिंग वाले सदस्य का है, फिर भी यह बयान काफी मायने रखता है।

Untitled 1

तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ही संगठन के संदेशों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक पहुंचाता है, उसने एक इंटरव्यू में कहा कि हम किसी भी देश की आर्थिक परियोजनाओं को लेकर धमकी नहीं दे रहे और न ही विरोध कर रहे हैं। हम अफगानिस्तान में निवेश करने वाले देशों के पक्ष में हैं, हमने कुछ दिन पहले चीन की यात्रा की थी, चीन से हमारी मुख्य मांगों में से एक यह थी कि वे अफगानिस्तान के साथ व्यापार और निवेश में सहयोग करें। जबीउल्लाह ने इस बात से इनकार किया कि तालिबान भारत को पाकिस्तान के चश्मे से देखता है। जबीउल्लाह ने कहा कि तालिबान इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में भारत के साथ अच्छे सम्बन्ध चाहता है।

इसे भी पढ़ें:ओमान व संयुक्त अरब अमीरात में होगा टी-20 वर्ल्ड कप का आयोजन, भारत और पाकिस्तान फिर होंगे आमने-सामने

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article