अक्सर हम लोग छोटी सी हार से मायूस हो जाते हैं और अपना आत्मविश्वास खो बैठते हैं. कई बार हमारे जीवन में कुछ ऐसा घटित होता हैं जिसके बाद हम पूरी तरह हताश हो जाते हैं और आगे बढ़ना ही छोड़ देते हैं. बिना ये सोचे कि, दुनिया में ऐसे कितने ही सफलतम लोग हैं जिन्होंने गरीबी और कठिनाईयों में अपना जीवन बिताया, मगर आज वो एक चर्चित नाम हैं. महिला दिवस (Women’s Day) के खास मौके पर हम आपको रूबरू कराएंगे एक ऐसी नृत्यांगना से. जिन्होंने एक पैर से अपनी सफलता की गाथा लिखी है. साथ ही हम ये कहेंगे कि अगर आप अपनी जिंदगी से हताश हैं और मायूस बैठे हैं. तो एक बार नृत्यांगना सुधा चंद्रन (Sudha Chandran) के संघर्ष की कहानी जरूर पढ़िए. क्योंकि इससे आपको प्रेरणा मिलेगी और एक बार फिर आप खोया हुआ आत्मविश्वास हासिल करने में कामयाब हो सकेंगे.
नृत्यांगना सुधा चंद्रन
टीवी की सबसे पॉपुलर अभिनेत्रियों में से एक सुधा चंद्रन (Sudha Chandran) को कई टीवी सीरियल्स में देखा गया है. सुधा चंद्रन वो अभिनेत्री हैं जिनका एक पैर काट दिया गया था. इसके बावजूद उन्होंने डांस व कला के क्षेत्र में वापसी की. सुधा चंद्रन के जीवन में एक वो वक्त था जब लोग उन्हें कहते थे कि अब वो कभी डांस नहीं कर पाएंगी. ये बात सुधा को काफी चुभती थीं, मगर सुधा ने अपने एक पैर के बलबूते न सिर्फ अपनी कला को दुनिया के सामने पेश किया बल्कि अपने पिता को झुकने पर मजबूर कर दिया. बहुत कम लोग जानते हैं कि एक बार सुधा चंद्रन के पिता उनके पैर छूने पर मजबूर हो गए और अपनी बेटी को उन्होंने मां सरस्वती का दर्जा दे दिया था.
एक दर्दनाक एक्सीडेंट
सुधा चंद्रन (Sudha Chandran) ने अपने जीवन के इस दर्दनाक हादसे का खुलासा एक पोस्ट के जरिए किया था. जिसमें उन्होंने बताया था, ‘एक बस एक्सीडेंट में पैर में चोट के कारण फ्रेक्चर हो गया था. उस वक्त जितने लोग भी घायल थे उनमें से सबसे कम चोट मुझे लगी थी और घायलों की संख्या काफी ज्यादा थी. शायद इसलिए मेरा इलाज कुछ इंटर्न डॉक्टर्स ने किया. मगर मेरे पैर में लगे कट को ट्रीट करना भूल गए. जिस कारण पैर में गैंगरीन हो गया और ये पूरे शरीर में ना फैल जाए. इसलिए मेरे परिवार वालों ने एक पैर कटवाने का फैसला किया.’
खो दिया था आत्मविश्वास
सुधा चंद्रन ने अपनी पोस्ट के माध्यम से बताया कि ये वो समय था जब वो पूरी तरह टूट गई. उन्हें लगा कि डांस बीच में छूट जाएगा. इसके बाद उन्हें जयपुर फुट लगाया गया और सीधे खड़े होकर चलने में करीब 4 महीने लगे. उस एक्सीडेंट के करीब 3 साल बाद सुधा को एक नॉर्मल जिंदगी मिली. सुधा बताती हैं, ‘मुझे अब भी याद है जब लोग मेरे घर आकर कहते थे बड़े ही दुख की बात है कि अब तुम अपने डांस के सपने को पूरा नहीं कर पाओगी. हम तुम्हें डांस करते हुए देखना चाहते थे लेकिन..’
फिर से परफॉर्म करने का फैसला किया
लोगों की बातें सुनकर सुधा चंद्रन काफी दुखी होती थीं. फिर एक दिन उन्होंने अपने पिता से कहा कि वो एक बार फिर परफॉर्म करना चाहती हैं. बेटी के मुंह से ऐसी बातें सुनकर पिता हैरान रह गए. क्योंकि वो जानते थे कि उनकी बेटी एक पैर खो चुकी है, मगर बेटी की जिद के आगे उन्हें परफॉर्मेंस की इजाजत देनी पड़ी. उस वक्त सुधा मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में परफॉर्म करने वाली थीं और उस शो के सारे टिकट बिक गए. पूरा शो हाउसफुल था, जब सुधा ने स्टेज पर परफॉर्म किया तो पूरा हॉल तालियों से गूंजने लगा. शो के बाद सुधा चंद्रन को स्टैंडिंग ओवेशन मिला, ये देख सुधा के पिता खुश भी हुए और बेटी के लिए उनका सीना गर्व से फूल गया. उसी समय सुधा चंद्रन के पिता ने अपनी बेटी के पैर छुए और कहा, ‘तुम साक्षात देवी सरस्वती हो. तुमने असंभव को भी संभव कर दिखाया.’ पिता के मुंह से ये बात सुनकर सुधा चंद्रन काफी खुश हुई और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
सुधा चंद्रन के टैलेंट के चर्चे दुनियाभर में होने लगे. चारों तरफ उनके जज्बे की मिसाल दी जाने लगी और देखते ही देखते सुधा एक बड़ी स्टार बन गई, सुधा के संघर्ष की कहानी पर एक फिल्म बनाई गई. जिसका नाम है ‘मयूरी’. इस फिल्म के जरिए सुधा की एंट्री एक्टिंग की दुनिया में हुई और इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. सुधा ने अपनी जिंदगी को एक और मौका दिया और एक पैर से मिसाल पेश की. अब तक के करियर में सुधा चंद्रन कई फिल्मों और सीरियलों में काम कर चुकी हैं.
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