कोरोना काल में लगे लागू लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बनकर सामने आए सोनू सूद का उनके फैंस ने मंदिर बनवाया है। बता दें सोनू सूद (Sonu Sood) ने कोरोना (Corona) संकट में इतने लोगों की सहायता की है कि उन सब लोगों के लिए वो किसी मसीहा से कम नहीं हैं। उनके फैंस में से किसी ने अपने बच्चे का नाम उनके ऊपर रख लिया तो किसी ने अपनी दुकान उनके नाम से खोल ली है। मगर तेलंगाना (Telangana) के एक गांव में लोगों ने सोनू को भगवान का दर्जा दे दिया है। बता दें तेलंगाना राज्य के गांव डुब्बा टांडा के लोगों ने सिद्दीपेट जिला अधिकारियों की मदद सोनू सूद के नाम पर एक मंदिर बनवाकर उन्हें सम्मानित किया है।
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मंदिर का लोकार्पण मूर्तिकार के साथ स्थानीय लोगों ने किया। साथ ही सोनू सूद की आरती भी गाई। सोनू को लोगों का काफी प्यार मिल रहा है और लोग उन्हें बेहद पसंद भी करने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि महामारी के दौर में सोनू ने बहुत से ऐसे लोगों की सहायता की है जो अपने घर जाने में असमर्थ थे। ऐसे में हमारे लिए ये बेहद ख़ुशी का विषय है कि हमने उनका मंदिर बनाया।
वहीं एक्टर सोनू सूद ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि मैंने ऐसा कुछ किया है, जिसके लिए मुझे इस तरह से प्यार दिया जाए। मुझे इस बारे में कुछ भी पता नहीं था कि ऐसा हो रहा है। यहां तक कि मुझे आज ही न्यूज में तेलंगाना में मेरे नाम से मंदिर बनने की जानकारी मिली है। मैं इस सम्मान के लिए तेलंगाना के अपने फैन्स का धन्यवाद करना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं कभी उनका भरोसा कम नहीं होने दूंगा।’
गौरतलब हो कि लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को देश के अलग-अलग इलाकों में स्थित उनके घर तक सकुशल पहुंचाने में काफी सहायता की थी। उन्होंने मजदूरों के लिए टोल फ्री नंबर और वॉट्सऐप नंबर भी जारी किए थे। सोनू ने मजदूरों के लिए बस, ट्रेन और चार्टर्ड फ्लाइट का भी प्रबंध कराया था। साथ रहने और उनके खाने-पीने का भी प्रबंध किया था।
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