Wednesday, March 29, 2023

सुप्रीम कोर्ट ने Vadodara Stampede Case में सामने लाया बड़ा सवाल, क्या थी Shah Rukh Khan की बड़ी गलती?’

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात एचसी के फैसले को बरकरार रखते हुए शाहरुख खान और अन्य के खिलाफ वडोदरा रेलवे स्टेशन पर कथित तौर पर भगदड़ मचाने के लिए दर्ज एक आपराधिक मामला अब रद्द हो गया है.

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Vadodara Stampede Case: वडोदरा भगदड़ केस में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सेलेब्रिटीज को भी आम नागरिकों के जैसे ही अधिकार होते हैं और उन्हें ‘विपरीत रूप से दोषी’ नहीं बनाया जा सकता है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात एचसी के फैसले को बरकरार रखते हुए शाहरुख खान और अन्य के खिलाफ वडोदरा रेलवे स्टेशन पर कथित तौर पर भगदड़ मचाने के लिए दर्ज एक आपराधिक मामला अब रद्द हो गया है.

सेलेब्रिटीज को भी होते हैं अधिकार

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न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने अभिनेता के खिलाफ शिकायतकर्ता द्वारा दायर शिकायत को रद्द करने के गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, “इस आदमी (SRK) का क्या दोष था? सिर्फ इसलिए कि वह एक सेलिब्रिटी है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसके पास कोई अधिकार नहीं है. अगर कोई ट्रेन से यात्रा करता है, तो कोई व्यक्तिगत गारंटी नहीं है. एक सेलिब्रिटी को भी देश के हर नागरिक की तरह समान अधिकार प्राप्त हैं. वह (एसआरके) एक सेलिब्रिटी हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह बाकी सभी को नियंत्रित कर सकते हैं. आइए अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दें जो अदालत के ध्यान और समय के लायक हैं.”Shahrukh khan

वरिष्ठ वकील संदीप कपूर, जो इस मामले में SRK की कानूनी टीम का हिस्सा थे, उन्होंने इस दौरान बताया कि, “याचिकाकर्ता ने SC में तर्क दिया कि क्योंकि शाहरुख खान एक सेलिब्रिटी हैं, इसलिए उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए थी, लेकिन SC इससे सहमत नहीं था. याचिकाकर्ता से जजों ने सवाल किया कि प्लेटफॉर्म पर जो हो रहा है उसके लिए शाहरुख खान को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए नहीं चुना जा सकता क्योंकि वह एक सेलिब्रिटी हैं. “Shahrukh khan

इसके आगे उन्होंने कहा कि, “न्यायाधीशों ने यह भी सवाल किया कि शिकायतकर्ता कौन था, और वह इस मामले में वकीलों पर खर्च करने में क्यों दिलचस्पी रखते थे और क्यों सक्षम थे. शिकायतकर्ता का न तो पीड़िता से कोई संबंध है और न ही वह साइट पर मौजूद था.

ये था पूरा मामला

2017 जनवरी में, शाहरुख और फिल्म रईस की प्रोडक्शन टीम ने फिल्म के प्रचार के भाग के तौर पर ट्रेन से मुंबई से दिल्ली की यात्रा की. वडोदरा रेलवे स्टेशन पर, अभिनेता की एक झलक पाने के लिए कथित तौर पर 15,000 से अधिक लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. इससे भगदड़ मच गई, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई.Shahruk khan

रविंदर भाकर जो कि इस समय पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) थे और वर्तमान में एनएफडीसी के एमडी के रूप में तैनात हैं, ने घटना के दौरान कहा था कि, “शाहरुख खान की ट्रेन यात्रा, रईस के लगभग 60 चालक दल के सदस्यों के साथ थी. टीम द्वारा 1.80 लाख की प्रोमो फीस जमा करने के बाद फिल्म क्रू को अनुमति दी गई थी. विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा नियंत्रण कक्षों को भी यात्रा के विवरण के बारे में तुरंत सूचित किया गया था.”

गुजरात हाईकोर्ट का फैसला

शिकायतकर्ता जिसका नाम जितेंद्र मधुभाई सोलंकी है, उन्होंने वडोदरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट, फर्स्ट क्लास के समक्ष शाहरुख खान के खिलाफ एक निजी शिकायत दायर की थी, इसमें उसपर आरोप लगाया गया था कि वडोदरा रेलवे स्टेशन पर उनकी होने के साथ ही उनके साथ टी-शर्ट और स्माइली बॉल्स को इकट्ठा भीड़ में फेंक दिया. इसके बाद ही स्टेशन पर भगदड़ मच गई. उक्त शिकायत को रद्द करने के लिए शाहरुख खान द्वारा दायर एक आवेदन पर, गुजरात एचसी ने (आदेश दिनांक 27. 04. 2022) शाहरुख के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज कर दिया था.

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