सनी देओल आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं. सनी देओल ने कई स्टार्स के साथ स्क्रीन शेयर किये हैं. 19 अक्टूबर 1956 को जन्में सनी का पूरा नाम अजय सिंह देओल है. उन्हें घर में सभी सनी बोलते थे, इसलिए उन्होंने फिल्मों के लिए इसी नाम को चुना. अपनी देशभक्ति फिल्मों से तहलका मचाने वाले सनी फिलहाल फिल्मों से दूर राजनीति में अपना जलवा दिखा रहे हैं. सिनेमा का बड़ा नाम होने के बाद भी आज सनी की फिल्में बॉक्स आफिस पर धमाल नहीं मचा पा रही हैं. लेकिन सनी अपने अभिनय से पूरे देश का दिल जीता है.
सनी देओल ने अपने दमदार एक्शन और डायलॉग डिलीवरी के चलते करोड़ों प्रशंसक बनाये हैं. सनी देओल ने 1983 में आई ‘बेताब’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने दामिनी, इंतेकाम, घायल, सलाखें और गदर जैसी सुपरहिट फिल्मों से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है. आज भले ही उन्होंने राजनीति में पर्दापण कर लिया है. लेकिन प्रशंसक आज भी उन्हें फिल्मों में एक्शन करते हुए देखना चाहते हैं. सनी देओल ने सिर्फ एक्शन ही नहीं रोमांटिक फिल्मों में भी काम किया है. आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनके डायलॉग के विषय में जिसने उन्हे दमदार डायलॉग की वजह से महान एक्टर बना दिया.
गदर एक प्रेम कथा में सनि देओल के डायलॉग आज भी सुन के रोंगटे खड़े हो जाते है. दुनिया जानती है कि बंटवारे के वक्त हम लोगों ने आप लोगों को 65 करोड़ रुपए दिए थे तब जाकर आपके छत पर तिरपाल आई थी. बरसात से बचने की हैसियत नहीं और गोलीबारी की बात कर रहे हैं, आपका पाकिस्तान जिंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद है, जिंदाबाद था और जिंदाबाद रहेगा. वहीं दामिनी फिल्म के डायलॉग तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख मिलती रही है लेकिन इंसाफ नहीं मिला माई लॉर्ड, इंसाफ नहीं मिला, मिली है तो सिर्फ ये तारीख. जब यह ढाई किलो का हाथ किसी पे पड़ता है तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है. वहीं उनके घातक फिल्म के जबरदस्त डायलॉग ये मजदूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है डरा के लोगों को वो जीता है जिसकी हडि्डयों में पानी भरा होता है. इतना ही मर्द बनने का शौक है न कात्या, तो इन कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे. सनी देओल अपने इन डायलॉग्स की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है. जिसके लोग दिवाने है.