कभी फिल्मी पर्दों पर अपनी अदाकारी से लाखों लोगों को कायल कर देने वाले नाना पाटेकर (Nana patekar) के कदम जब बिहार (Bihar) के मोकामा (Mokama) में पड़े तो यकीन मानिए वहां की फ़िज़ा में एक बदलाव आ गया..जिसे यकीनन शब्दों में तब्दील कर पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। कुछ देर पहले तक खामोश रहने वाली जुबां और खामोश हो चुकी निगाहों की नजरे जब नाना पाटेकर पर गए तो उनका हदय आनंद से प्रफुल्लित हो गया। वहां मौजूदा लोगों में उत्साह का संचार पैदा हो गया। कुछ देर पहले तक खामोश हो चुकी जुबां पर मुस्कुराहटों ने अपने बसेरा बना लिया और वहीं नाना भी इस दिशा में पीछे नहीं रहे हैं और उन्होंने लोगों के आपार प्रेम को सहर्ष स्वीकार कर उनका अभिवादन किया।
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इस दौरान वे अलग-अलग रूपों में भी नजर आए। कभी सीआरपीएफ के जवानों की हौसला आफजाई की तो कभी खेतों में हल चलाते हुए नजर आए। गेस्ट हाउस में खाना खाने के बाद वे ग्रुप से सटे ओटा गांव में पहुंचे। इस दौरान शनिवार खेत में हल चलाते समय में वे बुआई करते हुए भी दिखे और इस बीच उन्होंने औषधीय योजना का भी शुभारंभ किया। वहीं नाना गांव में अत्याधुनिक तकनीक से संचालित खाद्दी भंडार भी गए और वहां कारधा भी चलाया।
इस बीच देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहने वाले हमारे सीआरपीएफ जवानों की हौसला आफजाई भी की। उनसे बातचीत की। इस बीच उन्होंने फिल्म का एक संवाद एक मच्छर एक इंसान को हिजड़ा बना देता है, जैसे ही उन्होंने यह डायलॉग बोला तो सामने मौजूदा लोगों ने जमकर उनका स्वागत किया इस डायलॉग के लिए तालियां बजाईं गई। कल्चर कार्यक्रम में उन्होंने मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा भी लिया। इस कार्यक्रम में नाना पाटेकर के इतर सैन्य अधिकारी और जवान भी उपस्थित रहे। बता दें कि मोकामा में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें नाना पाटेकर शिरकत करने के लिए बिहार के मोकामा पहुंचे थे।
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