Chanakya Niti: जीवन चलाने के लिए धन बहुत आवश्यक हो चुका है। इस जमाने में धन के आगे कुछ भी नहीं है। लोग धन कमाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन धन को मां लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है और महालक्ष्मी बहुत चंचल स्वभाव की हैं। जहां पर पैसे का सम्मान नहीं किया जाता है वहां पर माता लक्ष्मी जी तुरंत ही चली जाती हैं। कई सारी नीतियां बताई है चाणक्य का मानना है कि चंद पैसे के लिए मनुष्य ऐसी-ऐसी चीजों को छोड़ देता है जिसके बाद वह बर्बाद हो जाता है। चाणक्य के अनुसार पैसे कमाने के चक्कर में इन तीन चीजों को बिल्कुल भी नहीं छोड़ना चाहिए नहीं तो आपका जीवन भी बर्बाद हो जाएगा।
प्रियजन
चाणक्य के अनुसार रिश्ते में प्यार और सम्मान बहुत जरूरी है अगर आप रिश्तो के बीच पैसा ला देंगे तो फिर दरार आ जाएगी। कभी भी आप लोग पैसे के खातिर प्रियजनों को मत छोड़िएगा। पैसा पल भर साथ देता है और अपने जिंदगी भर साथ देते हैं। अगर आपके पास अपने ही नहीं है तो आपका जीवन ही व्यर्थ है।
आत्मसम्मान
चाणक्य नीति के अनुसार कभी भी पैसे के खातिर अपना आत्मसम्मान नहीं खोना चाहिए आत्मसम्मान एक ऐसी पूजी है जो जिंदगी में आपके पास हमेशा रहेगी। पैसा कमाया जा सकता है लेकिन आत्मसम्मान कभी खरीदा नहीं जा सकता। पैसा कर चला जाता है तो दोबारा मिल जाएगा लेकिन अगर आत्मसम्मान चला गया तो कभी भी वापस नहीं आता।
धर्म
चाणक्य के अनुसार कभी भी पैसे के खातिर धर्म को नहीं छोड़ना चाहिए। कहा जाता है । जो दृढ़ राखे धर्म की,नहीं रखे करतार। पैसे के खातिर धर्म को त्यागने वाले लोग अपनी प्रतिष्ठा हमेशा खो देते हैं। जो लोग लालच में अधर्म के मार्ग पर चले जाते हैं उनका जीवन ही बर्बाद हो जाता है।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Upvartanews इसकी पुष्टि नहीं करता।)
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