एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत से बाद से ही बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर बहस छिड़ी हुई है। हर कोई अब नेपोटिज्म पर खुलकर बोल रहा है। इसी बीच, मशहूर लेखक चेतन भगत ने भी नेपोटिज्म पर अपनी राय रखी थी। जिस वजह से वह काफी सुर्खियों में आ गए थे लेकिन अब चेतन भगत ने सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ के लिए ट्वीट किए है। अपने ट्वीट में चेतन भगत ने फिल्म समीक्षकों को चेतावनी दी है। खास बात तो ये है कि चेतन भगत ने इस दौरान एक के बाद एक कई ट्वीट किए है। जिस वजह से सोशल मीडिया पर चेतन के सभी ट्वीट जमकर वायरल हो रहे है। इन ट्वीट पर यूजर्स प्रतिक्रिया दे रहे है।
चेतन भगत ने अपने पहले ट्वीट में फिल्म समीक्षकों को समझदारी से लिखने की सलाह दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सुशांत की आखिरी फिल्म इस हफ्ते रिलीज हो रही है। मैं सभी स्नोब और अभिजात्य आलोचकों को बताना चाहता हूं कि समझदारी से लिखें। ओवरस्मार्ट कार्य न करें। बकवास मत लिखो। निष्पक्ष और समझदार बनें। बैकार तरीके से काम तो बिल्कुल भी मत करें। आपने पर्याप्त जीवन बर्बाद कर दिया है। अब रुक जाओ। हम लोग देख रहे है।’
Sushant's last film releases this week. I want to tell the snob and elitist critics right now, write sensibly. Don't act oversmart. Don't write rubbish. Be fair and sensible. Don't try your dirty tricks. You have ruined enough lives. Now stop. We'll be watching.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) July 21, 2020
इसके बाद अपने अगले ट्वीट में चेतन भगत ने लिखा, ‘इन समीक्षकों को किराय पर लेने वाले मीडिया संगठनों के लिए, अभिजात्य लोगों को काम पर रखना बहुत ही भयानक रणनीति है। जिन्हें भारत समझ नहीं आता और उन्हें लगता है कि वह भारतीय से ज्यादा अच्छे है। अंदर से कुछ और, बाहर से कुछ और, लोग ये जरूर सुनिश्चित करेंगे कि आपका संस्थान दिवालिया हो जाए, कई लोगों का पहले हो भी चुका है।’ इसके आगे चेतन भगत ने लिखा, ‘भारतीयों को अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले लोगों से सत्यापन पसंद है। यह परम प्रशंसा है। यहीं से कुछ आलोचकों ने प्रोफाइल बनाई। वे अच्छी अंग्रेजी बोलते थे लेकिन बुरे लोग थे। सत्यापन के लिए उन्हें देखना बंद करो। वे बाहर भूरे रंग के हैं, जो भारतियों से नफरत करते है।’
To the media organizations who hire these snob critics – it's an awful business strategy to hire elitists who don't understand India and think they are better than Indians. These brown outside – white inside people will ensure your organization goes bankrupt. Many have already.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) July 21, 2020
चेतन भगत ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, ‘’मां कसम, मजा आ गया आपकी मस्त पिक्चर देखकर। मैं आपकी इस जबरदस्त फिल्म को देखने के लिए उत्साहित था यू तो दोनों लाइनों का अर्थ एक जैसा है लेकिन ज्यादातर भारतीय, यहां तक की बड़े सितारे भी दूसरी लाइन ही सुनना चाहते है इसलिए कुछ आलोचक ज्यादा महत्वपूर्ण बन गए है। इस पर विराम लगाओं।’ बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म दिल ‘बेचारा’ 24 मार्च को रिलीज हो रही है। इस फिल्म मे सुशांत के साथ एक्ट्रेस संजना सांघी नजर आएगी। सुशांत की आखिरी फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी। जिसका फैसं बेसब्री से इंतजार कर रहे है।
'Maa kasam, mazaa aa gaya aapki mast picture dekh ke.'
'Holy heavens. I was in ecstasy watching your sublime movie.'
Both lines essentially mean the same. But most Indians, even biggest stars want to hear the second. Hence,the vile critics became important.
Put an end to this.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) July 21, 2020