देश के बैंकों से अडानी ग्रुप की कंपनियों को दिये कर्ज (Debt on Adani Group companies) के पूरे ब्यौरे मांग भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने की है। सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में इस बारे में पता चला है। बिना नाम बताए यह जानकारी सूत्रों ने दी है। गुरुवार को भी अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों (Adani Group Shares) में जबरदस्त कमी आ गई। इससे पहले गौतम अडानी (Gautam Adani) ने बुधवार को पूरी तरीके से सब्सक्राइब हुए अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (Adani Enterprises FPO) को रद्द करने का निर्णय लिया था।
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अडानी ग्रुप की ओर से कही गई ये बात
इस बारे में अडानी ग्रुप की तरफ से बोला गया है कि
‘अभूतपूर्व परिस्थितियों और बाजार में मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए हम हमारी इन्वेस्टर्स कम्युनिटी के हितों की रक्षा करना चाहते हैं। इसलिए हम एफपीओ को रद्द करते हैं और पूरे लेनदेन को वापस करते हैं।’
अडानी का बयान आया सामने
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने निवेशकों को संबोधन में बोला कि मौजूदा बाजार स्थिति में 20,000 करोड़ रुपये की शेयरों के साथ आगे बढ़ना ‘नैतिक रूप से सही’ नहीं होगा। फिलहाल इस यूटर्न के बाद भी अडानी ग्रुप की कंपनियों में दिन पर दिन कमी देखने को मिलती है। शुरुआती कारोबार में अडानी ग्रुप की 5 कंपनियों में लोअर सर्किट लगाया गया था।
अडानी ग्रुप को सिटीग्रुप (Citigroup) की वेल्थ यूनिट ने बड़ा झटका दिया है। इस अमेरिकी कर्जदाता ने गौतम अडानी के ग्रुप की कंपनियों की सिक्योरिटीज को लेना बंद किया है। शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा धोखाधड़ी के आरोपों के बाद बैंकों ने भारतीय टाइकून के फाइनेंस की जांच चालू की है। इसी की वजह से सिटीग्रुप की वेल्थ यूनिट ने ये निर्णय लिया है। ब्लूमबर्ग के हिसाब से सिटीग्रुप ने एक इंटरनल मेमो में बोला है कि,
‘हाल के दिनों में हमें अडानी द्वारा जारी सिक्युरिटीज की कीमत में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। ग्रुप की फाइनेंशियल हेल्थ से जुड़ी नेगेटिव खबरों के बाद स्टॉक और बांड की कीमतों में भी गिरावट आई है।’
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