हिंडनबर्ग के (Hindenburg Report) नेगेटिव रिपोर्ट की वजह से अडाणी समूह (Adani Group) की इमेज को बहुत बड़ी क्षति हुई. कंपनी अपनी इमेज को संवारने में लगी हुई है. यह जहां बार-बार कंपनी की भारी भरकम कर्ज के बोझ का हवाला दिया जा रहा है तो वहीं अब कंपनी लोन्स की प्रीपेमेंट और पेमेंट के बोझ को कम कर रही है. कंपनी के इस कदम से निवेशकों को भरोसा हो रहा है. सोमवार को कंपनी अपने गिरवी रखे हुए शेयर को वापस लाने के लिए 1.11 अरब डॉलर के लोन्स का प्रीपेमेंट की घोषणा की. अब गौतम अडाणी के बेटे करण अडाणी (Karan Adani) पोर्ट्स को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है.
करण अडाणी आए आगे
करण अडाणी ने एक रिकॉर्डिंग वीडियो मैसेज के माध्यम से बोला है कि हम मार्च 2024 तक करीब 5000 करोड़ के लोन का पेमेंट कर रहे हैं. उन्होंने बोला कि हम प्रीपेमेंट की योजना भी कर रहे हैं. कंपनी के डायरेक्टर और सीईओ करण अडाणी ने मंगलवार को यह वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हम कर्ज के बोझ को कम करने में लगे हैं. उन्होंने बोला हम लोन्स की प्रीपेमेंट के अलावा वित्त वर्ष 2024 के दौरान अडानी पोर्ट्स कैपिटल एक्सपेंडिचर के तौर पर 4000-5000 करोड़ रुपये की योजना भी बना रहे हैं.
हिंडन बर्ग की रिपोर्ट से कंपनी को नुकसान
यह घोषणा करण अडाणी ने ऐसे समय पर की है जब हिंडन बर्ग की रिपोर्ट की वजह से कंपनी को नुकसान हुआ. इस रिपोर्ट के कारण अडाणी गैस शेयर धड़ाधड़ बिकवाली देखने को मिली. यही नहीं कंपनी को 20 हजार करोड़ रुपये का अपना एफपीओ तक वापस लेना पड़ा है। हालांकि मंगलवार को अडानी के शेयरों में तेजी लौटी थी. वहीं रेटिंग एजेंसियां मूडीज-फिच ने अदानी समूह के कर्ज पर एक बयान दिया है कर्ज को लेकर मूडीज और फिंच दोनों ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को बोला कि अडाणी समूह की कंपनियों द्वारा भारतीय बैंकों के लिया गया. लोन इतना अधिक नहीं है कि उनकी दृढ़ गुणवत्ता पर किसी तरह का जोखिम उत्पन्न हो.
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