कोरोना महामारी के दौरान पेट्रोल-डीजल समेत सोने की कीमतें (Gold Price) भी आसमान छू रही हैं. बीते 26 जून को सोने की कीमत 48,589 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई थी. जिससे ग्राहकों की चिंता बढ़ चुकी है. क्योंकि, एक तरफ लोगों पर महामारी की मार पड़ रही है और दूसरी तरफ महंगाई भी बढ़ रही है ऐसे में सोना खरीदना तो दूर लोग इसमें निवेश तक करने से कतरा रहे हैं. पर माना जा रहा है कि, कोरोना महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) में जो अनिश्चितता आई है उससे सोने के दाम अभी और भी ज्यादा बढ़ेंगे.
गोल्ड में निवेश करना कितना बेहतर
सोने के बढ़ते दामों के बीच एक सवाल ये कि, क्या सोने में निवेश करना सही है और इसका लाभ मिलेगा. तो बता दें, बीते एक साल में गोल्ड म्यूचुअल (Gold Mutual Fund Return) फंड्स ने 40.39 फीसदी का रिकॉर्ड रिटर्न दिया है. वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि, आने वाले समय में दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का काफी गहरा प्रभाव पड़ेगा और हालात खराब होंगे. वहीं आईएमएफ (IMF) ने अनुमान जताया है कि, साल 2020 की वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.9 फीसदी की गिरावट आ सकती है और इसी वजह से अब सोने के दाम आसमान छू रहे हैं.
लेकिन, जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए ये एक अच्छा ऑप्शन है क्योंकि, बीते एक दशक में जो रिकॉर्ड रिटर्न मिला है वो वाकई काफी अच्छा है. ऐसे में लोगों को सोने में निवेश करने से घबराने की आवश्यकता नहीं है.
निवेशक बेच रहे हैं सोना
सोने में निवेश करना बेहतर हो सकता है लेकिन एक्सपर्टस का अनुमान है कि, सोने की कीमतों में फिलहाल उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे. वहीं महामारी की वजह से जिन लोगों और निवेशकों को पैसों की किल्लत हो रही है वो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सोना बेच रहे हैं. ऐसे में घरेलू बाजार में सोने की कीमत 47,950 रुपये से लेकर 48,300 प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकती है. बात अगर कोरोना की करें तो ये महामारी दुनिया से कब जाएगी इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. क्योंकि, कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर भी शुरू हो चुकी है ऐसे में आने वाले दिन काफी मुश्किल और चिंताजनक नजर आ रहे हैं. इस वजह से दुनिया में आर्थिक संकट तो होगा ही और दूसरी तरफ अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव भी होने हैं. इस वजह से भी सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है. एक्सपर्ट्स ने 2001 और 2008 के आकंड़ों में पाया कि, जब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा तो सोना ही सबसे पहला एसेट क्लास था जिसमें तेजी देखने को मिली थी. तो इस मौके को एक मुनाफे के तौर पर भी लिया जा सकता है.
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