दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा संसद परिसर में गैस मास्क पहनकर पहुंचे। उनका कहना था कि दिल्ली-NCR की हवा अब उस स्थिति में पहुंच चुकी है जहां लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। सांसद ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की जिंदगी से जुड़ा गंभीर संकट है, जिस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
“लोग सांस नहीं ले पा रहे, संसद में हो विस्तृत चर्चा” – हुड्डा
गैस मास्क पहनकर पहुंचे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली और हरियाणा में हालात इतने खराब हैं कि लोगों को साफ हवा तक नहीं मिल पा रही। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस विषय पर कार्य स्थगन प्रस्ताव भी दिया है ताकि संसद में वायु प्रदूषण पर लंबी और गंभीर चर्चा हो सके। हुड्डा का कहना था कि हर साल नवंबर आते ही हवा जहरीली हो जाती है, लेकिन फरवरी के बाद इस संकट को भूल जाना अब आदत बन चुकी है। ऐसे में देश को एक मजबूत और टिकाऊ समाधान की जरूरत है, जो सिर्फ चर्चा नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से पूरा हो सके।
प्रधानमंत्री पहल करें, सभी मुख्यमंत्रियों की संयुक्त बैठक बुलाएं
दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए सभी प्रभावित राज्यों—दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान—के मुख्यमंत्रियों को साथ बैठाएं। उनका कहना है कि प्रदूषण कोई सीमाबद्ध मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे उत्तरी भारत को साल दर साल जहरीली हवा का सामना करना पड़ता है। हुड्डा का यह भी कहना था कि केवल पराली, ट्रैफिक या निर्माण कार्यों को दोष देना समाधान नहीं है। इसके बजाय एक राष्ट्रीय स्तर की दीर्घकालिक योजना बनानी होगी, जिसमें उद्योगों, किसानों, शहरी निकायों और केंद्र सरकार मिलकर काम करें।
सांस लेने योग्य हवा के लिए नीति और नीयत दोनों जरूरी: हुड्डा
हुड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि साफ हवा हर नागरिक का अधिकार है। उन्होंने कहा कि एक ऐसी परियोजना बनाई जानी चाहिए, जो आने वाले कई वर्षों तक प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करे। इसमें हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए तकनीक, कृषि सुधार, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा, और शहरी प्रबंधन जैसे उपायों को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अब भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो दिल्ली-NCR में रहने वाली आने वाली पीढ़ियों का स्वास्थ्य लगातार खतरे में रहेगा। हुड्डा के अनुसार, वायु प्रदूषण अब सिर्फ मौसम का मुद्दा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात स्थिति बन चुका है।
