जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस (SMVDIME) में दाखिले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। एडमिशन सूची में मुस्लिम छात्रों की संख्या को लेकर कई हिंदू धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि एक धार्मिक स्थल द्वारा स्थापित संस्थान में प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। इसके बाद यह मुद्दा तेजी से सोशल मीडिया और स्थानीय प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का विषय बन गया।
संगठनों का आरोप है कि संस्थान की सीटों का आवंटन ‘स्थानीय भावना’ के विपरीत हुआ है और वे इसकी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। हालांकि संस्थान की ओर से अभी तक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे स्थिति और उलझती दिखाई दे रही है।
धार्मिक, सामाजिक और ट्रेड संगठनों ने मिलकर बनाई नई कमेटी
विवाद बढ़ते ही जम्मू के कई प्रमुख हिंदू धार्मिक संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय ट्रेड बॉडीज ने मिलकर “श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति” का गठन किया है। इस समिति की कमान कारगिल युद्ध के वीर कर्नल सुखबीर सिंह मांकोटिया को सौंपी गई है। समिति की औपचारिक घोषणा सनातन धर्म सभा जम्मू-कश्मीर के प्रधान प्रश्नोतम दादीची ने की।
समिति के सदस्यों ने कहा है कि वे SMVDIME में हुई प्रवेश प्रक्रिया का विस्तृत अध्ययन करेंगे और अगर कहीं कोई अनियमितता पाई गई तो उसका विरोध किया जाएगा। समिति ने इस मामले को ‘‘सामुदायिक संतुलन’’ और ‘‘संस्थान की मूल भावना’’ के मुद्दे से जोड़ते हुए पूरी प्रक्रिया को दोबारा जांचने की मांग उठाई है।
अभियान शुरू, कई संगठनों ने पारदर्शी जांच की मांग रखी
समिति ने ऐलान किया है कि वह SMVDIME में दिए गए एडमिशन की समीक्षा कराने और विवादित सीटों को रद्द करने के लिए संगठित अभियान चलाएगी। हालांकि यह मांग विवादास्पद है क्योंकि शिक्षा और प्रवेश प्रक्रिया पर धार्मिक आधार पर सवाल उठाना संवैधानिक रूप से बेहद संवेदनशील विषय है।
स्थानीय राजनीतिक दल भी इस मामले में अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ दल समिति की चिंता को ‘‘जनभावना’’ से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि शिक्षा संस्थान में प्रवेश योग्यता के आधार पर होना चाहिए, न कि धर्म के आधार पर। इन विपरीत प्रतिक्रियाओं ने विवाद को और घना कर दिया है, जिससे माहौल में तनाव लगातार बढ़ रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच की दिशा
विवाद के बढ़ने और विभिन्न संगठनों के दबाव के बाद प्रशासन हरकत में आया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रवेश प्रक्रिया के तथ्यों को स्पष्ट करने और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रारंभिक स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी दस्तावेज़ों, मेरिट लिस्ट और प्रवेश मानदंडों की जांच करेगी, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि प्रक्रिया नियमों के अनुरूप हुई या नहीं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अफवाह या भावनात्मक अपील के आधार पर निष्कर्ष न निकालें और जांच पूर्ण होने तक शांति बनाए रखें। वहीं संस्थान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि SMVDIME में प्रवेश पूरी तरह मेरिट आधारित है और किसी भी तरह का भेदभाव संस्थान की नीति में नहीं है।
अब सबकी निगाहें प्रशासनिक जांच पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि विवाद सिर्फ गलतफहमी था या फिर प्रवेश प्रक्रिया में वाकई किसी स्तर पर त्रुटि हुई थी।
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