मुंबई में इन दिनों एक अजीबोगरीब मामला सुर्खियों में है। कहा जा रहा है कि किसी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर भारत में आधार कार्ड बनवा दिया।
मामला तब चर्चा में आया जब कार्ड पर पता महाराष्ट्र का और फोटोग्राफ अमेरिकी नेता का निकला। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे इसमें राजनीतिक रंग चढ़ने लगा।
चौंकाने वाली बात यह रही कि इस केस में नाम सामने आया शरद पवार के पोते और विधायक रोहित पवार का।
FIR से हड़कंप, साइबर सेल एक्शन में
मुंबई साइबर पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है। आरोप है कि रोहित पवार की देखरेख में किसी टीम ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी पोर्टल पर अपलोड किए।
हालांकि अब तक इस आरोप की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन FIR दर्ज होते ही महाराष्ट्र की सियासत गर्मा गई है। साइबर सेल ने बताया कि यह मामला डिजिटल धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है, जहां अंतरराष्ट्रीय व्यक्तियों की पहचान का दुरुपयोग किया गया।
महाराष्ट्र पुलिस के सूत्रों के अनुसार, संबंधित डाटा सर्वर और पोर्टल की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है।
राजनीतिक मैदान में उड़ी धूल
FIR की खबर सामने आते ही विपक्षी दलों ने एनसीपी (शरद पवार गुट) पर हमला बोलना शुरू कर दिया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि “अब तो विदेशी नेताओं के नाम से भी कार्ड बन रहे हैं, ये है डिजिटल इंडिया की नई राजनीति।” वहीं रोहित पवार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह सब एक राजनीतिक साजिश है और किसी ने उनका नाम बदनाम करने के लिए षड्यंत्रपूर्वक इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि “मैंने न तो कोई आधार कार्ड बनवाया, न किसी तरह की तकनीकी टीम चलाई। यह झूठ है और मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।”
फर्जीवाड़े की तकनीकी परतें
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह फर्जीवाड़ा डिजिटल डाटा क्लोनिंग का नतीजा हो सकता है, जहां किसी असली कार्ड का फॉर्मेट लेकर नाम, फोटो और पता बदला जाता है।
ऐसे कार्ड अक्सर हैक किए गए सर्वर या थर्ड पार्टी ऐप के जरिए बनाए जाते हैं।
ट्रंप के नाम से बना कार्ड कथित तौर पर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद UIDAI ने भी स्थानीय प्रशासन को जांच के निर्देश दिए हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह वाकई किसी तकनीकी खेल का हिस्सा था या किसी राजनीतिक उद्देश्य से किया गया दांव?
“डंके की चोट पर” सोशल मीडिया पर ट्रेंड
सोशल मीडिया पर #TrumpAadhaar और #RohitPawar जैसे हैशटैग टॉप ट्रेंड कर रहे हैं।
लोग इस पूरे मामले पर मजेदार मीम्स बना रहे हैं – कोई कह रहा है “अब ट्रंप भी राशन कार्ड बनवाएंगे”, तो कोई लिख रहा है “Make Aadhaar Great Again!”
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह सिर्फ एक फर्जी कार्ड नहीं, बल्कि डिजिटल सुरक्षा और राजनीति दोनों की परीक्षा बन गया है। अब देखना यह है कि पुलिस जांच किस दिशा में जाती है और क्या सच में ट्रंप का “भारतीय अवतार” किसी की साजिश का हिस्सा था?
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