भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में हर दस में से एक व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है। यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करती है, जिनमें आंखें, दिल और किडनी शामिल हैं।
डॉक्टरों का मानना है कि डायबिटीज पर काबू पाने के लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव करने होंगे। अगर समय रहते खानपान, व्यायाम और दवाइयों पर ध्यान दिया जाए, तो शुगर लेवल को कंट्रोल करना बिल्कुल संभव है।
डायबिटीज कंट्रोल की पहली सीढ़ी
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है संतुलित आहार। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा मिठाई, मीठे पेय पदार्थ, सफेद चावल और ऑयली फूड डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
इनकी जगह पर हमें साबुत अनाज, हरी सब्जियां, फल (जैसे सेब, अमरूद, पपीता), और फाइबर युक्त फूड को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। ये न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर को जरूरी पोषण भी देते हैं।
डॉक्टर यह भी सलाह देते हैं कि हमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करनी चाहिए और प्रोटीन व फाइबर को बढ़ाना चाहिए। इससे ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता और डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।
शुगर कंट्रोल का सबसे असरदार हथियार
कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि नियमित व्यायाम डायबिटीज कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। रोजाना 30 मिनट वॉक, साइकलिंग या योग करने से ब्लड शुगर का स्तर सामान्य बना रहता है।
योग के कुछ आसन जैसे सूर्य नमस्कार, कपालभाति और अनुलोम-विलोम इंसुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और शरीर में ग्लूकोज के उपयोग को बेहतर बनाते हैं।
इसके अलावा व्यायाम करने से वजन नियंत्रित रहता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे जरूरी है। क्योंकि बढ़ता वजन डायबिटीज की समस्या को और जटिल बना सकता है।
दवाइयों और नियमित चेकअप की अहमियत
कई लोग डायबिटीज की दवाइयां समय पर नहीं लेते, जो बीमारी को और बढ़ा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि नियमित रूप से दवाइयों का सेवन और समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करना बहुत जरूरी है।
साथ ही साल में एक बार किडनी, आंख और दिल की जांच करानी चाहिए, ताकि डायबिटीज से होने वाली गंभीर समस्याओं से बचा जा सके।
कई बार डायबिटीज के मरीजों को यह लगता है कि जब शुगर लेवल सामान्य हो जाता है, तो दवाई बंद कर देनी चाहिए। लेकिन यह गलतफहमी है। दवाइयां केवल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही बंद करनी चाहिए।
मानसिक तनाव को करें कम
डायबिटीज के मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है। तनाव और चिंता ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसलिए मेडिटेशन, योग और हॉबीज़ को समय देना मानसिक शांति के लिए मददगार साबित होता है।
Read more-घर बैठे वजन घटाने के रहस्य, डाइट और एक्सरसाइज में क्या बदलें
