लेह में सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। लद्दाख की सड़कों पर छात्रों और स्थानीय लोगों की भीड़ ने केंद्र सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बंद का आह्वान किया। शुरुआत में शांतिपूर्ण दिख रहे आंदोलन में अचानक हिंसा फैल गई, जिससे हालात बिगड़ गए। पुलिस के साथ झड़प के दौरान चार लोगों की मौत हुई और करीब 70 लोग जख्मी हुए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव ने पूरे इलाके में तनाव फैला दिया।
प्रदर्शन की मांगें और वजह
लद्दाख के युवा राज्य का दर्जा मिलने और क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। आंदोलन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी कर रही है, जबकि उनकी युवा इकाई ने प्रदर्शन और बंद का ऐलान किया। खासकर तब जब 35 दिन से भूख हड़ताल कर रहे 15 लोगों में से दो की हालत गंभीर हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन मांगों के चलते आंदोलनकारियों का गुस्सा उग्र रूप ले चुका है।
प्रशासन और जनता के बीच तनाव
स्थानीय प्रशासन ने हिंसा को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। पुलिस की कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों की टकराव की स्थिति ने पूरे इलाके में अस्थिर माहौल बना दिया है। लद्दाख की जनता अब राज्य का दर्जा और संवैधानिक अधिकारों की मांग को लेकर जोर पकड़ रही है। प्रशासन का कहना है कि वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं, लेकिन युवा लगातार सड़क पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
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