महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से लगातार हलचल बढ़ती जा रही है। एकनाथ शिंदे खेमे की नाराज़गी ने न केवल शिवसेना (शिंदे गुट) में असंतोष को हवा दी है बल्कि गठबंधन की स्थिरता को लेकर भी तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्रियों की शिकायतों और बढ़ती नाराज़गी के बीच BJP ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यह साफ कर दिया है कि फिलहाल पार्टी किसी भी नए शिवसेना नेता को अपने खेमे में शामिल नहीं करेगी। यह बयान खुद शिंदे की चिंताओं को दूर करने के लिए दिया गया बताया जा रहा है, लेकिन इसका असर किस दिशा में जाएगा, यह फिलहाल किसी को नहीं पता।
शिंदे गुट की बढ़ती नाराज़गी
महाराष्ट्र के महागठबंधन के बीच यह विवाद तब बढ़ा जब शिवसेना (शिंदे समूह) के कई मंत्रियों ने खुलकर कहा कि उनकी बातों को महत्व नहीं दिया जा रहा। उनका आरोप है कि मंत्रिमंडल की बैठकों और कई महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी उपेक्षा महसूस होती है।
शिंदे समर्थक मंत्रियों का कहना है कि उन्होंने गठबंधन बनाया था ताकि उनकी राजनीतिक जमीन मजबूत हो सके, लेकिन हाल के दिनों में उनके सुझावों और योजनाओं को साइडलाइन किया जा रहा है।
इसी बढ़ती बेचैनी के बाद एकनाथ शिंदे ने खुद मामले को गंभीरता से उठाया और स्पष्ट संदेश दिया कि उन्हें अपने नेताओं का सम्मान और राजनीतिक भविष्य सुरक्षित चाहिए।
शिंदे को दी समिति और आश्वासन की दोहरी सुरक्षा
इस नाराज़गी को शांत करने के लिए BJP ने अब शिंदे को भरोसा दिलाया है कि उनकी पार्टी किसी भी शिवसेना नेता — चाहे वह शिंदे गुट का हो या उद्धव गुट का — को फिलहाल BJP में शामिल करने का कोई कदम नहीं उठाएगी।
यह फैसला महाराष्ट्र के महागठबंधन के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
BJP ने यह भी माना कि गठबंधन में कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिन्हें तत्काल हल करने की जरूरत है।
इसके लिए एक संयुक्त समिति की चर्चा भी तेज हो गई है, जो दोनों दलों के बीच तालमेल सुधारने और विवादों को सुलझाने का काम करेगी।
BJP के इस कदम को शिंदे गुट के लिए राहत माना जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से उनके कई विधायक पार्टी छोड़कर BJP में जा सकते हैं, ऐसी चर्चाएं लगातार सामने आती रही हैं।
गठबंधन की बैठक तय: टकराव वाले मुद्दों पर होगी खुली चर्चा
सियासी गर्माहट के बीच अब जल्द ही एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है जिसमें दोनों दल अपने-अपने मुद्दों को सामने रखेंगे।
यह बैठक Maharashtra Politics Eknath Shinde BJP Decision पर अंतिम मुहर लगाने और आगे की सहमति बनाने के लिहाज से बेहद अहम होगी राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि इस बैठक में हल नहीं निकलता, तो महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिनों में और भी बड़े फेरबदल देखे जा सकते हैं। वहीं, यदि सहमति बन जाती है, तो BJP और शिवसेना का गठबंधन 2025 की राजनीति में फिर एक मजबूत मोर्चा बन सकता है।
