शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद में एक अनोखी घटना देखने को मिली। कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद रेणुका चौधरी अपने पालतू कुत्ते के साथ संसद परिसर पहुंचीं, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। जैसे ही उनकी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं के बयान सामने आने शुरू हो गए।
बीजेपी ने इसे संसद की परंपराओं और मर्यादा का उल्लंघन बताया। पार्टी का कहना है कि संसद देश की सर्वोच्च संस्था है और यहां किसी भी तरह की गतिविधि ऐसा संदेश नहीं देना चाहिए जिससे उसकी गरिमा कम हो। कई नेताओं ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
रेणुका चौधरी का अपने छोटे कुत्ते को गोद में उठाकर संसद में दाखिल होना इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गया। वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया।
कुछ यूजर्स ने इसे ‘क्यूट मोमेंट’ बताया तो कई ने कहा कि यह गंभीर संस्था की गरिमा के खिलाफ है। कई लोगों का तर्क था कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत ऐसे जानवरों को संसद भवन के भीतर लाना नियमों के खिलाफ है। वहीं कुछ लोग इस पूरी घटना को अनावश्यक विवाद बताकर इसे हल्के अंदाज में देख रहे हैं।
वीडियो का तेजी से फैलना इस बात को दिखाता है कि आज राजनीति में मामूली से मामूली चीज भी सोशल मीडिया पर बड़ा मुद्दा बन जाती है।
रेणुका चौधरी का पलटवार
मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर रेणुका चौधरी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। उनके अनुसार, “इसमें क्या तकलीफ है? एक गूंगा जानवर अंदर आ गया तो कौन-सी बड़ी समस्या हो गई? यह छोटा-सा है, काटने वाला नहीं। काटने वाले तो और लोग हैं पार्लियामेंट के अंदर।”
उनका यह बयान सामने आते ही विवाद और गहरा गया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि सांसद का इस तरह का बयान न सिर्फ संसद बल्कि उसके सदस्यों का भी अपमान है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी कि क्या संसद के अंदर इस तरह के हल्के-फुल्के व्यवहार की अनुमति होनी चाहिए या नियमों को और सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
नियमों की मांग और आगे की कार्रवाई पर नजर
बीजेपी ने सरकार और लोकसभा सचिवालय से मांग की है कि इस घटना की जांच की जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि क्या किसी सांसद को पालतू जानवर के साथ संसद परिसर में प्रवेश करने की अनुमति है।
कुछ संसदीय विशेषज्ञों ने भी कहा कि संसद भवन में सुरक्षा और प्रोटोकॉल बेहद सख्त होते हैं, ऐसे में किसी भी तरह के पालतू जानवर को भीतर आने की छूट नहीं होती। वहीं कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि मुद्दों की कमी होने पर बीजेपी इस तरह की छोटी घटनाओं को बड़ा बनाकर पेश कर रही है।
अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या सचिवालय इस घटना पर औपचारिक नोटिस या दिशा-निर्देश जारी करेगा, या फिर यह विवाद कुछ दिनों में स्वतः शांत हो जाएगा। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि संसद से जुड़ा हर छोटा कदम भी राजनीतिक बहस का कारण बन सकता है।
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