कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से बने एक वीडियो ने देश की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें PM मोदी हल्के नीले रंग के कोट और काले पैंट में दिखते हैं तथा हाथ में केतली और चाय के गिलास लिए नजर आते हैं। वीडियो की पृष्ठभूमि में अंतरराष्ट्रीय झंडे और तिरंगा लगा हुआ दिखाई देता है, जिससे ऐसा माहौल बनता है कि जैसे किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर चाय परोसी जा रही हो। कांग्रेस की नेता रागिनी नायक ने यह वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा— “अब ये किसने किया?” बस इसी पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई और बीजेपी ने इसे प्रधानमंत्री का अपमान बताकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला।
BJP ने बताया ‘प्रधानमंत्री का अपमान’
वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला शुरू कर दिया। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह सिर्फ प्रधानमंत्री का नहीं, बल्कि देश के मेहनतकश समाज का मजाक उड़ाना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, नरेंद्र मोदी की उस पृष्ठभूमि को लेकर बार-बार तंज कसती है, जिसे लेकर देश गर्व करता है। पूनावाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस बार-बार ऐसा कंटेंट शेयर करती है, जो प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा, “पहले रेणुका चौधरी ने संसद में सेना और प्रधानमंत्री का अपमान किया, अब रागिनी नायक ने PM मोदी के चाय बेचने वाले संघर्ष का मजाक उड़ाया है। जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।” बीजेपी का कहना है कि यह वीडियो AI से बना हुआ है, जिसका मकसद प्रधानमंत्री के सामाजिक और आर्थिक संघर्ष को हास्य का विषय बनाना है।
अब ई कौन किया बे 🥴🤣 pic.twitter.com/mbVsykXEgm
— Dr. Ragini Nayak (@NayakRagini) December 2, 2025
कांग्रेस की सफाई— ‘वीडियो हमने नहीं बनाया’
दूसरी ओर कांग्रेस की नेता रागिनी नायक ने कहा कि उन्होंने वीडियो केवल शेयर किया है, बनाया नहीं है। उनका कहना है कि वीडियो पहले से सोशल मीडिया में घूम रहा था और उन्होंने यह जानने के लिए सवाल पूछा कि इसे बनाया किसने है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी हर चीज़ को राजनीति से जोड़कर पेश करती है, जबकि असलियत यह है कि यह वीडियो किसी भी यूज़र द्वारा बनाया जा सकता है क्योंकि AI तकनीक तेजी से बढ़ रही है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी हर आलोचना को जानबूझकर व्यक्तिगत हमले का रूप देती है, ताकि जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाया जा सके।
हालांकि, इस मामले में पार्टी की ओर से यह भी कहा गया कि AI तकनीक पर निगरानी और नियमों की जरूरत है, ताकि गलतफहमी और राजनीतिक तनाव ना बढ़े।
AI जनरेटेड कंटेंट से बढ़ती चुनौतियां, राजनीति में नई बहस
यह विवाद सिर्फ एक वीडियो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि AI तकनीक के दुरुपयोग और राजनीतिक दुष्प्रचार पर नई चर्चा शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि AI वीडियो और डीपफेक आने वाले समय में चुनावी माहौल को काफी प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि आम जनता असल और नकली के बीच फर्क नहीं कर पाती। बीजेपी और कांग्रेस के बीच जिस तरह यह मुद्दा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में बदल गया, उससे साफ है कि तकनीकी दुनिया में ‘फेक कंटेंट’ आगे भी बड़ी चुनौतियां पेश करेगा।
बहुत से लोग यह भी पूछ रहे हैं कि राजनीतिक दलों को ऐसे वीडियो शेयर करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए ताकि गलतफहमी या विवाद न बढ़े। फिलहाल, AI से बने इस वीडियो ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली हर चीज़ राजनीतिक हथियार बन सकती है, और यह प्रवृत्ति आने वाले दिनों में और तेज़ हो सकती है।
