कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। राज्य के वरिष्ठ नेता और मंत्री जी. परमेश्वर ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि अगर पार्टी हाईकमान किसी बड़े बदलाव का फैसला करता है और डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री का पद सौंपता है, तो वे बिना किसी नाराजगी के इसे मान लेंगे। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है कि क्या पार्टी के भीतर किसी संभावित “ट्रांजिशन प्लान” पर विचार चल रहा है। परमेश्वर ने कहा कि परिवर्तन अगर आता है, तो यह पूरी तरह शांति और सामंजस्य के साथ होगा।
खुद भी हैं सीएम पद के दावेदार
जी. परमेश्वर ने बातचीत के दौरान यह भी दोहराया कि वे खुद मुख्यमंत्री पद के इच्छुक हैं और पार्टी में उनके योगदान को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उनसे पूछा जाता है कि क्या वे सीएम की रेस में हैं, तो वे इसे स्वीकार करते हैं। परमेश्वर के अनुसार, हाईकमान यह अच्छी तरह जानता है कि उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने में लंबा योगदान दिया है, और इसी वजह से वे खुद को इस पद के लिए योग्य मानते हैं।
हाईकमान के फैसले पर भरोसा
परमेश्वर ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि कर्नाटक की राजनीति में अंतिम फैसला दिल्ली में बैठा पार्टी हाईकमान ही लेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में किसे नेतृत्व संभालना चाहिए, यह निर्णय आलाकमान की रणनीति और भविष्य की योजना पर निर्भर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मुख्यमंत्री पद के लिए ‘उपयुक्त उम्मीदवार’ हो सकते हैं, लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं है कि इस पर कोई विचार हुआ है।
क्या सिद्धारमैया–शिवकुमार में बनी सहमति?
जब उनसे पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच किसी तरह की अदला-बदली को लेकर कोई समझौता हुआ है, तो परमेश्वर ने साफ कहा कि उन्हें ऐसी किसी बात की सूचना नहीं है। हालांकि राजनीतिक जानकारों के अनुसार, दोनों नेताओं के समर्थक अपने-अपने तरीके से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। परमेश्वर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब प्रदेश कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर चर्चाएं अचानक तेज हो गई हैं, जिससे पार्टी के भीतर संभावित बदलाव की अटकलें और गहरा गई हैं।
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