Sunday, December 7, 2025
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पटाखों फोड़ने पर हुआ विवाद! मैथिली ठाकुर की जीत पर जश्न मना रहे युवकों पर हमला, फिर पुलिस ने…

अररिया के भरगामा में मैथिली ठाकुर की जीत का जश्न हिंसा में बदल गया। पटाखे छोड़ने पर दो युवक घायल, बाजार बंद, 40–50 अज्ञात पर केस दर्ज।

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बिहार के अररिया जिले के भरगामा प्रखंड की महथावा पंचायत में लोकगायिका और अब नेता बनीं मैथिली ठाकुर की चुनावी जीत खुशी से ज्यादा तनाव लेकर आई। शुक्रवार की देर शाम जैसे ही युवकों ने उनकी जीत का जश्न मनाते हुए पटाखे छोड़े, माहौल अचानक बिगड़ गया। मोहल्ले में रहने वाले कुछ लोगों ने इस जश्न को लेकर आपत्ति जताई और बात एक पल में बहस से मारपीट तक पहुंच गई। देखते ही देखते स्थिति ऐसी बनी कि दो युवक बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिर पड़े और पूरे मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई।

इलाके में रहने वाले लोगों के अनुसार पटाखों की आवाज़ अचानक तेज़ हो गई थी, जिससे कुछ घरों में बुजुर्ग और बच्चों को परेशानी हुई। विरोध शुरू हुआ तो जश्न मना रहे युवाओं से नोकझोंक बढ़ती चली गई। किसी ने बीच-बचाव किया, लेकिन भीड़ का गुस्सा बढ़ चुका था। इसी बीच कई अज्ञात लोग भीड़ में शामिल हो गए और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। रात का माहौल कुछ ही मिनटों में तनाव और हिंसा से भर गया।

घायल युवकों ने बाजार बंद कराया, बढ़ा तनाव

शनिवार की सुबह जैसे ही जश्न के समय पिटे गए युवक अपने परिजनों और समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे, पूरा मथहावा बाजार बंद हो गया। लोग हाथों में बैनर लिए नारेबाजी कर रहे थे और आरोप लगा रहे थे कि जश्न मनाना अपराध नहीं, फिर भी उनके साथ जबरदस्ती मारपीट की गई। बाजार बंद होने से व्यापारियों में भी नाराज़गी दिखी और धीरे-धीरे भीड़ का आकार बढ़ता गया।

दुकानें शटर डाउन कर दी गईं, सड़क पर लोगों का हुजूम उमड़ने लगा और माहौल तनावपूर्ण होता गया। भीड़ आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी रही। कई लोग इस फैसले से घबराए हुए थे कि कहीं मामला और न बिगड़ जाए। स्थानीय प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप करना पड़ा ताकि स्थिति नियंत्रण से बाहर न जाए।

शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस, जांच शुरू

मारपीट में घायल युवकों ने भरगामा थाने में लिखित शिकायत की, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने 40 से 50 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि, भीड़ में शामिल लोगों की पहचान करना बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि घटना रात के अंधेरे में हुई और वहां मौजूद अधिकतर लोगों के चेहरे साफ दिखाई नहीं दे सके।

थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। आसपास के घरों और दुकानों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस तरह की हिंसा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय नेताओं की एंट्री, माहौल शांत कराने में जुटे अधिकारी

घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। कई स्थानीय नेता घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की। कुछ नेताओं ने इसे चुनावी माहौल में पैदा हुई अनावश्यक संवेदनशीलता बताया, तो कुछ ने इसे प्रशासनिक चूक करार दिया। वहीं ग्रामीणों का मानना है कि जश्न और विरोध दोनों सामान्य थे, लेकिन कुछ बाहरी लोगों की वजह से स्थिति भड़की।

प्रशासन अब माहौल शांत करने की कोशिश में जुट गया है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है और दोनों पक्षों के बीच बातचीत करवाने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीण भी अब स्थिति सामान्य करने की अपील कर रहे हैं ताकि आने वाले दिनों में इस तरह की घटना दोबारा न हो।

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