पश्चिम बंगाल के काकद्वीप में एक मंदिर में मां काली की मूर्ति क्षतिग्रस्त मिलने के बाद स्थानीय लोग भारी आक्रोश में हैं। लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर प्रदर्शन किया, जिससे आपातकालीन सेवाओं को भी बाधा हुई। पुलिस ने मूर्ति को सुरक्षा के कारण जेल वैन में रखा, ताकि इसे प्रदर्शनकारियों के प्रभाव से सुरक्षित रखा जा सके। इस कदम ने सोशल मीडिया पर कई लोगों की नाराजगी और आलोचना को जन्म दिया।
भाजपा ने उठाए आरोप, पुलिस का पक्ष
भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना को “धार्मिक अपमान” करार देते हुए राज्य सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि यह कार्रवाई स्थानीय समुदाय की भावनाओं के खिलाफ है और दोषियों के पीछे बाहरी लोग, जिन्हें उन्होंने घुसपैठियों के रूप में बताया, हैं।
Just list one reason justifying your act of placing Maa Kali’s idol in the Prison Van.
Hang your heads in shame, you SHAMELESS SPINELESS Twerps. https://t.co/3azjI3HECy— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) October 23, 2025
वहीं, पश्चिम बंगाल पुलिस ने स्पष्ट किया कि जेल वैन का उपयोग केवल मूर्ति की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए किया गया। पुलिस ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था और दोषियों की पहचान और कार्रवाई जारी है।
राजनीतिक विवाद और सामाजिक प्रभाव
यह मामला राज्य में राजनीतिक बहस को और गर्मा गया है। भाजपा ने इसे हिंदू समुदाय की भावनाओं के प्रति लापरवाही के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी बयानबाजी को साजिश बताया। घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़का दिया है, बल्कि आगामी चुनाव के दृष्टिकोण से भी सियासी माहौल को संवेदनशील बना दिया है।
स्थानीय प्रशासन अब मूर्ति को सुरक्षित रूप से पुनर्स्थापित करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर दे रहा है, ताकि स्थिति सामान्य हो सके और किसी तरह का सांप्रदायिक तनाव न बढ़े।
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