हाल ही में कांवड़ यात्रा के दौरान एक डांस वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवकों को भड़काऊ और अश्लील डांस करते हुए देखा गया। यह वीडियो न केवल इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गया, बल्कि इसने भक्ति और संस्कृति की गरिमा पर भी सवाल खड़े कर दिए। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि DJ पर अश्लील गानों की धुन पर कुछ लोग झूमते नजर आ रहे हैं, जो कांवड़ यात्रा की मूल भावना और आस्था से पूरी तरह विपरीत प्रतीत होता है।
अनुराधा पौडवाल की नाराजगी
मशहूर भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने इस वायरल वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “ये नॉनसेंस बंद कीजिए। कांवड़ यात्रा श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, इसे इस तरह के प्रदर्शन से अपवित्र नहीं किया जाना चाहिए।” पौडवाल ने यह भी अपील की कि धार्मिक यात्राओं में संयम और मर्यादा का पालन जरूरी है। उनका मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल धर्म की भावना को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि युवाओं के लिए भी गलत संदेश देती हैं।
क्या यही है धर्म?
नहीं सनातन के भाल पर ये कलंक है। क्या कर रहे हैं हम सोचा कभी? हमारे भगवानों के कार्टून बनाकर सड़कों पर घुमाते हैं लोग। जो चाहे बदन को नीला करे और नकली सांप लपेटकर बन जाए शिव? शिव कौन हैं पहले जान तो लीजिए। अभी एक भजन सुना भजन तो क्या ही कहूं बस शर्म आ गई सुनकर।… pic.twitter.com/pQMEgGpJA3— Saurabh Jain✍️ (कवि सौरभ जैन सुमन) (@saurabhjsuman) July 22, 2025
भक्ति और भटकाव के बीच की रेखा
कांवड़ यात्रा सदियों से हिंदू आस्था का अभिन्न हिस्सा रही है, जिसमें शिवभक्त श्रद्धा के साथ जल चढ़ाने हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य तीर्थ स्थलों की ओर पैदल जाते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में इसमें डीजे, लाउड म्यूजिक और नाच-गाने जैसे तत्व जुड़ने लगे हैं, जो इसकी मूल आत्मा से मेल नहीं खाते। सामाजिक चिंतकों और धार्मिक गुरुओं ने भी इस ट्रेंड पर चिंता जताई है। अनुराधा पौडवाल जैसी वरिष्ठ कलाकारों की प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि अब समय आ गया है जब धार्मिक आयोजनों की गरिमा बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं।
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