धनतेरस 2025 से पहले चांदी की कीमतों में ऐसा उछाल आया है कि सर्राफा बाजार से लेकर निवेशकों तक हर कोई हैरान है। दिल्ली, लखनऊ, जयपुर और कई अन्य शहरों में चांदी का रेट ₹98,000 प्रति किलो तक पहुंच चुका है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह कीमत अब तक की सबसे ऊंची है। त्योहारों की खरीदारी और पारंपरिक मान्यताओं के चलते चांदी की डिमांड बढ़ी, लेकिन सप्लाई में आई कमी के कारण रेट बेकाबू हो गए हैं।
“डिमांड हाई, सप्लाई लो” – दुकानदार परेशान
सिल्वर ज्वेलरी बनाने वाले कारीगरों से लेकर रिटेलर तक इस अचानक उछाल से जूझ रहे हैं। कई दुकानों में चांदी के सिक्के और बार की सप्लाई लगभग खत्म हो गई है। दिल्ली के करोल बाग के एक ज्वेलर ने बताया, “इस बार ग्राहक समय से पहले आ रहे हैं, लेकिन हम स्टॉक नहीं जुटा पा रहे।” चांदी के ट्रेडिंग एक्सपर्ट्स का मानना है कि ग्लोबल मार्केट में भी कीमतें बढ़ने से यह असर हुआ है।
निवेश या रुकावट? क्या करना चाहिए आम खरीदार को
त्योहारों के दौरान चांदी खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन इस बार इसका बजट पर बड़ा असर पड़ सकता है। निवेश सलाहकारों के अनुसार, यह समय लघु अवधि के निवेशकों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। अगर आप केवल परंपरा निभाने के लिए चांदी ले रहे हैं, तो कम वजन या छोटे सिक्कों में निवेश करना बेहतर रहेगा। वहीं लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की सोच रखने वाले अभी थोड़ा इंतजार कर सकते हैं।
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