आज के डिजिटल दौर में स्मार्टफोन ने जहां जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वहीं यह नई मुश्किलों का कारण भी बन गया है। अब सिर्फ एक क्लिक आपकी मेहनत की कमाई को खतरे में डाल सकता है। गूगल ने हाल ही में यूजर्स को चेतावनी दी है कि साइबर अपराधियों का नया हथियार बन चुके हैं फर्जी टेक्स्ट मैसेज — जिन्हें देखकर कोई भी आसानी से धोखे में आ सकता है। इन संदेशों में लिखा होता है, “आपका पार्सल डिलीवर नहीं हो सका”, “आपका बैंक अकाउंट ब्लॉक होने वाला है” या “रिफंड पाने के लिए लिंक पर क्लिक करें”। जैसे ही यूजर लिंक पर क्लिक करता है, उसका बैंक डाटा, पासवर्ड और व्यक्तिगत जानकारी हैकर्स के हाथ लग जाती है।
साइबर ठगी के नए हथकंडे – ‘स्मिशिंग’ है सबसे बड़ा खतरा
तकनीक जितनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है, अपराधी भी उतनी ही चालाकी से अपने तरीके बदल रहे हैं। अब “स्मिशिंग” (SMS + Phishing) नाम की यह नई धोखाधड़ी यूजर्स को निशाना बना रही है। गूगल ने बताया है कि एंड्रॉयड की सिक्योरिटी सिस्टम हर महीने अरबों स्पैम कॉल और मैसेज ब्लॉक करता है, लेकिन कुछ खतरनाक संदेश फिल्टर से बच निकलते हैं। ये वही मैसेज होते हैं जो बेहद असली लगते हैं — किसी सरकारी विभाग, बैंक या कूरियर कंपनी के नाम से भेजे गए। अपराधी विदेशी नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका नंबर ट्रेस न किया जा सके और वे हर बार नए नंबर से मैसेज भेज सकें। ऐसे संदेशों में लिंक डालकर यूजर को किसी फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जो बिल्कुल असली साइट जैसी दिखती है। जैसे ही यूजर वहां अपनी जानकारी डालता है, डेटा सीधे अपराधियों के सर्वर तक पहुंच जाता है। कई मामलों में तो यूजर के फोन में मालवेयर डाउनलोड हो जाता है जो गुप्त रूप से बैंकिंग ऐप्स, पासवर्ड और तक एक्सेस कर लेता है।
ऐसे बचाएं खुद को – गूगल और साइबर एक्सपर्ट्स की अहम सलाह
गूगल, FBI और साइबर सिक्योरिटी एजेंसियों ने लोगों से आग्रह किया है कि किसी भी अंजान नंबर से आए मैसेज पर क्लिक न करें, भले ही उसमें कोई जरूरी सूचना या ऑफर लिखा हो। असली बैंक या सरकारी एजेंसी कभी भी SMS के जरिए पासवर्ड, OTP या कार्ड डिटेल नहीं मांगते। अगर किसी कारणवश आपने ऐसे लिंक पर क्लिक कर दिया है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें, नेट बैंकिंग पासवर्ड बदलें और जरूरत पड़ने पर साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। स्मिशिंग से बचाव के लिए सबसे पहले फोन और सभी ऐप्स को अपडेट रखें। किसी भी संदिग्ध संदेश को तुरंत डिलीट करें और उसे “स्पैम” या “जंक” के रूप में रिपोर्ट करें ताकि सिस्टम उसे ब्लॉक कर सके। साथ ही, अपने बैंकिंग ऐप्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू रखें और पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क पर कोई भी ट्रांजेक्शन न करें। साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, स्मार्टफोन सुरक्षा अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है। यूजर की एक छोटी-सी गलती मिनटों में हजारों रुपये का नुकसान करा सकती है। इसलिए अगली बार जब कोई संदिग्ध मैसेज आपके फोन पर आए, तो उसे गंभीरता से लें, न कि उत्सुकता से। याद रखें — “क्लिक करने से पहले सोचें, क्योंकि सुरक्षा सिर्फ एक क्लिक दूर है।”
