भारतीय समाज में यह मान्यता प्रचलित है कि अगर किसी का रास्ता बिल्ली काट दे तो यह अशुभ संकेत है। लोग इसे देखकर डर जाते हैं या जल्दी-जल्दी मंत्र और उपाय करने लगते हैं। लेकिन राधा रानी के परम भक्त श्री प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि यह केवल अंधविश्वास है। महाराज जी कहते हैं, “बिल्ली भगवान की जीव है, उसका रास्ता काटना किसी का नुकसान करने के लिए नहीं होता। यह सिर्फ उसका रोज़मर्रा का काम है।”
बिल्ली केवल अपना पेट पालने जाती है
प्रेमानंद जी महाराज ने विस्तार से बताया कि बिल्ली किसी के कार्य में बाधा डालने के लिए रास्ता नहीं काटती। उनका कहना है कि बिल्ली बस अपने पेट की भूख मिटाने या घर के आसपास घूमने जाती है। महाराज जी ने कहा, “बिल्ली का रास्ता काटना आपके जीवन या काम को रोकने के लिए नहीं है। यह सिर्फ जीवों की स्वाभाविक गतिविधि है। इसे लेकर डर या चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
अंधविश्वास से कैसे बचें
महाराज जी का संदेश साफ है कि हमें जीवन में अंधविश्वास से दूर रहना चाहिए। बिल्ली के रास्ता काटने को अशुभ नहीं समझकर हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। प्रेमानंद जी कहते हैं कि यह सोच बदलने का समय है, और हमें जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान और प्रेम रखना चाहिए। उनका कहना है, “यदि हम हर छोटी घटना को अशुभ मानने लगेंगे तो जीवन तनावपूर्ण हो जाएगा। हमें संयम और विवेक से निर्णय लेना चाहिए।”
जीवन में संतों की सीख को अपनाना
प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाएँ हमें यह समझाती हैं कि जीवन में डर और अंधविश्वास से बचकर हमें आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। बिल्ली का रास्ता काटना या अन्य छोटी घटनाएँ केवल रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं। महाराज जी का यह भी कहना है कि जब हम इस दृष्टिकोण को अपनाते हैं, तो मानसिक शांति और संतुलन आता है। उनके विचार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और लोगों को जीवन में सकारात्मकता अपनाने की प्रेरणा दे रहे हैं।
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