Belpatra Niyam: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। सावन का महीना बहुत ही पावन माना जाता है हिंदू धर्म में सावन के महीने की बहुत बड़ी मान्यता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस बार सावन एक नहीं बल्कि दो पड़ने वाले हैं। सावन के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन बेलपत्र को चढ़ाते समय कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बेलपत्र को कभी भी खाली नहीं चढ़ाना चाहिए।
जाने बेलपत्र के सही नियम
-बेलपत्र को कभी भी चतुर्थी, चतुर्दशी ,अमावस्या ,अष्टमी , नवमी, सक्रांति को बेलपत्र तोड़ना बहुत ही वर्जित माना जाता है।
-बेलपत्र कभी कटा और पटा नहीं चढ़ाना चाहिए भगवान शिव नाराज हो जाते हैं।
-बेलपत्र वही चलानी चाहिए जिसमें तीन पत्तियां होती हैं दो पत्तियां वाली बेलपत्र चढ़ाने बहुत ही अशुभ माना जाता है।
-कभी भी भगवान शंकर को खाली बेल पत्री नहीं अर्पित करने चाहिए बेल पत्री के साथ हमेशा लोटा भर जल जरुर चढ़ाएं। बेलपत्र के साथ जल की धारा जरूर छोड़नी चाहिए।
-सावन के महीने में 11 ,21,51,101 बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
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