भारत में त्योहार सिर्फ परंपरा नहीं, भावनाओं का उत्सव भी होते हैं। लेकिन इस साल दिवाली 2025 की तारीख को लेकर पूरे देश में असमंजस की स्थिति बन गई है। सोशल मीडिया से लेकर परिवारों की बैठकों तक, हर जगह एक ही सवाल गूंज रहा है – इस बार दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी या 21 अक्टूबर को?
पंचांग विशेषज्ञों के अनुसार अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:15 बजे तक रहेगी। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार, जिस दिन अमावस्या की रात हो और प्रदोष काल के दौरान लक्ष्मी पूजा की जा सके, वही दिवाली होती है। इसी आधार पर कुछ विद्वानों का मानना है कि 20 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जानी चाहिए, क्योंकि उस शाम को अमावस्या है और शुभ मुहूर्त उपलब्ध है।
हालांकि कुछ ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि चूंकि अमावस्या तिथि अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को भी है, इसलिए 21 अक्टूबर को पूजा करना अधिक शुभ रहेगा। ऐसे में लोगों के बीच भ्रम बढ़ता जा रहा है।
पंचांग क्या कहता है? मुहूर्त किस दिन है सबसे श्रेष्ठ?
लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है “प्रदोष काल” यानी सूर्यास्त के बाद का समय, जब घरों में दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है।
पंचांग के अनुसार:
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3:44 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:15 बजे
प्रदोष काल: 20 अक्टूबर को शाम 6:50 से रात 8:40 तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 20 अक्टूबर को शाम 6:50 से 8:40 बजे (स्थानीय समय अनुसार भिन्न हो सकता है)
इस आधार पर देखा जाए तो 20 अक्टूबर की रात को पूजा करना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अधिक उपयुक्त है, क्योंकि उस समय अमावस्या तिथि और प्रदोष काल एक साथ पड़ रहे हैं।
हालांकि कुछ क्षेत्रीय मान्यताओं में पूरे दिन की अमावस्या तिथि को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में 21 अक्टूबर को पूजा करना कुछ समुदायों में परंपरा के अनुसार हो सकता है।
क्या कह रहे हैं पंडित और सोशल मीडिया यूजर्स?
इस विषय पर सोशल मीडिया पर भी जोरदार चर्चा हो रही है। ट्विटर (अब X) पर #Diwali2025Date ट्रेंड कर रहा है, जहां हजारों लोग अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं।
एक यूजर ने लिखा, “हमारे परिवार में हमेशा से अमावस्या की पूरी तिथि को ध्यान में रखकर पूजा होती है, इसलिए हम 21 को ही दिवाली मानेंगे।”
वहीं एक अन्य यूजर ने कहा, “पंचांग और मुहूर्त की गणना के हिसाब से 20 अक्टूबर की रात ही लक्ष्मी पूजन का सही समय है, हम उसी दिन पूजा करेंगे।”
दिल्ली के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पं. अजय मिश्र शास्त्री का कहना है, “यदि आप शास्त्रों का अनुसरण करते हैं तो 20 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन करना उचित होगा। लेकिन यदि आपके क्षेत्र में परंपरा 21 की है, तो वहीं करें। पूजा में श्रद्धा और भावना सर्वोपरि है।”
यानी इस बार की दिवाली दो तारीखों में बंटी जरूर है, लेकिन श्रद्धा में कोई कमी नहीं।
किस दिन करें दिवाली पूजा?
1. शास्त्रीय दृष्टिकोण: 20 अक्टूबर को पूजा करना शुभ रहेगा – क्योंकि अमावस्या की रात, प्रदोष काल और स्थिर लग्न सभी उस दिन हैं।
2. परंपरागत दृष्टिकोण: यदि आपके क्षेत्र या समुदाय में 21 अक्टूबर को दिवाली मनाने की परंपरा रही है, तो आप उसी अनुसार पूजा करें।
3. सबसे जरूरी बात: लक्ष्मी पूजा में मन की शुद्धता, साफ-सफाई, दीपों का उजास और भक्ति सबसे महत्वपूर्ण है। तिथि के चयन में अधिक उलझन न पालें।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। UP Varta News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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