TMC के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर टिप्पणी की थी, पर शंकराचार्य स्वरूपानंद परंपरा के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बाबर भारत पर हमला करने वाला आक्रमणकारी था और उसके नाम पर कोई मस्जिद बनाने का प्रयास लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है। स्वामी ने स्पष्ट किया कि इतिहास के इन घटनाओं से जुड़ी पीड़ा आज भी लोगों के मन में जिंदा है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दिया बड़ा बयान
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बाबर के अत्याचार और आक्रमणों के घाव अब भी भारतीय समाज में महसूस किए जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो व्यक्ति आज के समय में खुद को बाबर से जोड़ता है, उसे भी उसी नजर से देखा जाएगा। स्वामी ने कहा, “जो बाबर के साथ खड़ा होगा, हम उसे बाबर ही समझेंगे और आज की तिथि में बाबर के साथ जैसा व्यवहार होता, वैसा ही किया जाएगा।” यह बयान विशेष रूप से उन नेताओं और व्यक्तियों के लिए चेतावनी माना जा रहा है जो इतिहास की संवेदनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।
समाज में भावनाओं का ध्यान रखना जरूरी
स्वामी ने कहा कि ऐतिहासिक घटनाओं और आक्रमणों से जुड़े घाव आज भी लोगों की भावनाओं को प्रभावित करते हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक और सामाजिक नेताओं से अपील की कि वे ऐसे विषयों पर संवेदनशीलता दिखाएं और समाज में तनाव और विवाद न बढ़ाएं। उनके अनुसार, इतिहास को समझने और सम्मान देने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है।
बाबर के नाम पर विवाद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने साफ किया कि बाबर के नाम पर किसी भी धार्मिक या राजनीतिक पहल को बढ़ावा देना समाज में असंतोष और संघर्ष को जन्म दे सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या नेता बाबर के विचारों या पहचान को अपनाने का प्रयास करता है, तो उसके प्रति वैसा ही नजरिया और व्यवहार अपनाया जाएगा जैसा इतिहास में बाबर के प्रति अपनाया गया। उन्होंने कहा कि इतिहास की पीड़ा को भूलना या नजरअंदाज करना नुकसानदेह साबित हो सकता है।
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