मंगलवार की सुबह दिल्ली में लोग अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में लगे थे, तभी कुछ ही मिनटों के भीतर पूरे शहर की फिज़ा बदल गई। पुलिस कंट्रोल रूम में एक के बाद एक कॉल और ईमेल आने लगे, जिनमें साफ कहा गया—दिल्ली के चार बड़े कोर्ट परिसरों और दो CRPF स्कूलों में बम लगाया गया है। यह धमकी सिर्फ एक जगह की नहीं थी, बल्कि एक साथ छह अत्यंत संवेदनशील स्थानों को निशाना बनाने की बात कही गई थी। यही कारण था कि Delhi Bomb Threat ने कुछ ही क्षणों में राजधानी की सुरक्षा मशीनरी को पूरी तरह सक्रिय कर दिया।
सबसे पहले दिल्ली पुलिस को साकेत कोर्ट में संभावित विस्फोट की सूचना मिली। इसके तुरंत बाद पटियाला हाउस कोर्ट, तीस हजारी कोर्ट और रोहिणी कोर्ट के नाम सामने आए। धमकी का स्वर इस कदर गंभीर था कि बिना देर किए दिल्ली पुलिस, फायर ब्रिगेड, और बम निरोधक दस्ते मौके की ओर रवाना हो गए। इसी बीच पुलिस को दो और मैसेज मिले — द्वारका और प्रशांत विहार स्थित CRPF स्कूलों में भी बम होने की आशंका जताई गई थी।
बच्चों से भरे स्कूलों और भीड़भाड़ वाले कोर्ट परिसरों में अचानक फैले इस डर ने स्थिति को बेहद संवेदनशील बना दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
धमकी मिलते ही दिल्ली पुलिस ने शहर-भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया। सभी छह स्थानों पर तुरंत सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया और आने-जाने वालों की आवाजाही रोकी गई। कोर्ट परिसरों में मौजूद वकील, कर्मचारी, आम लोग और केस सुनवाई के लिए पहुंचे नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। स्कूल प्रशासन ने भी बच्चों को शांत माहौल में क्लासरूम से बाहर निकालकर सुरक्षित क्षेत्रों में भेजा, ताकि अफरा-तफरी न फैले।
Delhi Bomb Threat के बाद बम निरोधक दस्ते ने सभी इमारतों, पार्किंग एरिया, तहखाने, रिकॉर्ड रूम, कैंटीन और ओपन ज़ोन में तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया।
हालांकि शुरुआती तलाशी में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, फिर भी पुलिस ने कहा कि खतरे को हल्के में लेना संभव नहीं है क्योंकि धमकी एक साथ कई स्थानों को लक्ष्य बनाकर दी गई थी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि “चाहे धमकी झूठी निकले, लेकिन हम इसे हर हाल में गंभीर मानकर ही काम करते हैं। कोर्ट और स्कूल दोनों स्थानों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
धमकी देने वाले की तलाश
धमकी की टाइमिंग, टोन और लोकेशन चयन ने पुलिस को चिंतित कर दिया है।
एक ही दिन में चार अदालतें और दो केंद्रीय सुरक्षा बलों के स्कूल निशाने पर होना साधारण घटना नहीं हो सकती।
तकनीकी टीम धमकी भेजे गए ईमेल और कॉल की IP लोकेशन और डिजिटल ट्रैकिंग कर रही है। पुलिस के अनुसार, कई ऐसे मामले नकली ईमेल के माध्यम से भी सामने आ चुके हैं, जो विदेश-आधारित सर्वरों के माध्यम से भेजे जाते हैं, जिससे ट्रेसिंग मुश्किल हो जाती है।
जांच अधिकारी इस मामले को “उच्च प्राथमिकता” की श्रेणी में रखकर काम कर रहे हैं ताकि बहुत जल्द धमकी देने वाले की पहचान सामने आ सके।
दिल्ली में सुरक्षा और भी कड़ी
हालांकि तलाशी में अब तक कोई विस्फोटक नहीं मिला है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने साफ कहा है कि जांच तब तक बंद नहीं की जाएगी जब तक हर इंच क्षेत्र को दो-बार और तीन-बार स्कैन नहीं कर लिया जाता।
सभी कोर्ट परिसरों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मेटल डिटेक्टर, हैंड-हेल्ड स्कैनर, और सीसीटीवी निगरानी को बढ़ाया गया है।
दोनों CRPF स्कूलों में भी सुरक्षा की दोहरी परत लगा दी गई है, ताकि बच्चे और पैरेंट्स दोनों खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि दिल्ली जैसे हाई-प्रोफाइल शहर में आतंक संबंधी या धमकी से जुड़ी घटनाओं को लेकर सुरक्षा ढांचे को कितनी तेजी से अपडेट करने की जरूरत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट और स्कूल जैसे संस्थान सबसे संवेदनशील श्रेणी में आते हैं, इसलिए इनकी सुरक्षा में कोई भी ढिलाई गंभीर परिणाम ला सकती है।
Delhi Bomb Threat ने पूरे प्रशासन को यह एहसास दिलाया है कि राजधानी में खतरा कहीं भी और कभी भी खड़ा हो सकता है—और इसे रोकने का एकमात्र तरीका है लगातार सतर्कता, मजबूत खुफिया तंत्र और त्वरित एक्शन।
